चार साल में पहली बार दो दिन में इतना फिसला कच्चा तेल

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 9:08 PM IST

अमेरिकी बैंक लीमन ब्रदर्स के दिवालिया होने और वैश्विक स्तर पर आर्थिक संकट के गहराने से मंगलवार को एशियाई कारोबार में तेल की कीमतों में खासी गिरावट देखने को मिली।


न्यू यॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज के मुख्य सौदा यानी लाइट स्वीट क्रूड के अक्तूबर अनुबंध में 3.96 डॉलर प्रति बैरल की गिरावट हुई और यह 91.76 डॉलर प्रति बैरल तक चला गया। इससे पहले सोमवार को न्यू यॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज में यह अनुबंध 5.47 डॉलर गिरकर 95.71 डॉलर प्रति बैरल तक चला गया था।

इस तरह महज दो दिन में ही कच्चे तेल की कीमतों में 9.41 डॉलर की कमी हो चुकी है। पिछले चार साल में दो दिन के भीतर कच्चे तेल की कीमत में होने वाली यह सबसे बड़ी गिरावट है। ब्रेंट नॉर्थ सी कच्चा तेल का नवंबर अनुबंध भी 3.32 डॉलर प्रति बैरल गिरकर 90.92 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

उल्लेखनीय है कि ब्रेंट नॉर्थ सी का अक्तूबर सौदा सोमवार को 5.20 डॉलर की कमी के साथ 92.38 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ था। ब्रेंट नॉर्थ सी कच्चे तेल के वायदा कारोबार की 1988 में शुरुआत के बाद पहली बार लगातार 14 दिन तक इसमें कमी आई है।

विशेषज्ञों के मुताबिक, वित्तीय क्षेत्र की संकटों ने ढांचागत जोखिम के भय को बहाल किया है। इसका प्रत्यक्ष प्रभाव तेल और जिंसों के कारोबार और कीमत पर पड़ेगा। जानकारों का मानना है कि लीमन ब्रदर्स के दिवालिया होने और बैंक ऑफ अमेरिका द्वारा मेरिल लिंच के अधिग्रहण की गूंज अभी जारी रहेगी। इसका असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर तो पड़ेगा ही तेल की मांग भी इससे प्रभावित होगी।

उम्मीद की जा रही है कि फेडरल रिजर्व अब ब्याज दर में कम से कम 25 बेसिस अंक की कटौती कर सकता है। हालांकि मौजूदा गिरावट के बावजूद एशियाई विकास बैंक का कहना है कि लंबे समय के लिए कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर के आसपास ही रहेंगी। इस बैंक का कहना है कि सस्ते तेल के दिन अब लद गए।

First Published : September 17, 2008 | 12:16 AM IST