facebookmetapixel
Dmart Share Price: Q2 में 4% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% टूटा; निवेशक होल्ड करें या बेच दें?क्या सोना-चांदी में अब मुनाफा बुक करने का सही समय है? एक्सपर्ट ने बताई मालामाल करने वाली स्ट्रैटेजीसोना ऑल टाइम हाई पर, चांदी ने भी बिखेरी चमक; खरीदारी से पहले चेक करें आज के भावTata Capital IPO की सपाट लिस्टिंग, ₹330 पर लिस्ट हुए शेयर; क्या अब खरीदना चाहिए?चांदी में निवेश का अच्छा मौका! Emkay का अनुमान- 1 साल में 20% उछल सकता है भावइस साल सोना 65 बार पहुंचा नई ऊंचाई पर, निफ्टी रह गया पीछे; फिर भी निवेशकों के लिए है बड़ा मौकाRobert Kiyosaki ने निवेशकों को किया सचेत, कहा- 2025 का सबसे बड़ा फाइनेंशियल क्रैश आने वाला हैशॉर्ट-टर्म मुनाफा के लिए ब्रोकरेज ने सुझाए ये 3 स्टॉक्स, ₹1,500 तक के टारगेट सेट₹450 टच करेगा ये ज्वेलरी स्टॉक, दिवाली से पहले BUY का मौका; ब्रोकरेज ने शुरू की कवरेज₹1,300 से लेकर ₹1,470 तक के टारगेट, ब्रोकरेज को इन दो तगड़े स्टॉक्स में दिखा ब्रेकआउट

चार साल में पहली बार दो दिन में इतना फिसला कच्चा तेल

Last Updated- December 07, 2022 | 9:08 PM IST

अमेरिकी बैंक लीमन ब्रदर्स के दिवालिया होने और वैश्विक स्तर पर आर्थिक संकट के गहराने से मंगलवार को एशियाई कारोबार में तेल की कीमतों में खासी गिरावट देखने को मिली।


न्यू यॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज के मुख्य सौदा यानी लाइट स्वीट क्रूड के अक्तूबर अनुबंध में 3.96 डॉलर प्रति बैरल की गिरावट हुई और यह 91.76 डॉलर प्रति बैरल तक चला गया। इससे पहले सोमवार को न्यू यॉर्क मर्केंटाइल एक्सचेंज में यह अनुबंध 5.47 डॉलर गिरकर 95.71 डॉलर प्रति बैरल तक चला गया था।

इस तरह महज दो दिन में ही कच्चे तेल की कीमतों में 9.41 डॉलर की कमी हो चुकी है। पिछले चार साल में दो दिन के भीतर कच्चे तेल की कीमत में होने वाली यह सबसे बड़ी गिरावट है। ब्रेंट नॉर्थ सी कच्चा तेल का नवंबर अनुबंध भी 3.32 डॉलर प्रति बैरल गिरकर 90.92 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।

उल्लेखनीय है कि ब्रेंट नॉर्थ सी का अक्तूबर सौदा सोमवार को 5.20 डॉलर की कमी के साथ 92.38 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ था। ब्रेंट नॉर्थ सी कच्चे तेल के वायदा कारोबार की 1988 में शुरुआत के बाद पहली बार लगातार 14 दिन तक इसमें कमी आई है।

विशेषज्ञों के मुताबिक, वित्तीय क्षेत्र की संकटों ने ढांचागत जोखिम के भय को बहाल किया है। इसका प्रत्यक्ष प्रभाव तेल और जिंसों के कारोबार और कीमत पर पड़ेगा। जानकारों का मानना है कि लीमन ब्रदर्स के दिवालिया होने और बैंक ऑफ अमेरिका द्वारा मेरिल लिंच के अधिग्रहण की गूंज अभी जारी रहेगी। इसका असर वैश्विक अर्थव्यवस्था पर तो पड़ेगा ही तेल की मांग भी इससे प्रभावित होगी।

उम्मीद की जा रही है कि फेडरल रिजर्व अब ब्याज दर में कम से कम 25 बेसिस अंक की कटौती कर सकता है। हालांकि मौजूदा गिरावट के बावजूद एशियाई विकास बैंक का कहना है कि लंबे समय के लिए कच्चे तेल की कीमतें 100 डॉलर के आसपास ही रहेंगी। इस बैंक का कहना है कि सस्ते तेल के दिन अब लद गए।

First Published - September 17, 2008 | 12:16 AM IST

संबंधित पोस्ट