भारत में मार्च के पहले पखवाड़े में एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में डीजल की बिक्री 7,4 प्रतिशत बढ़कर 28.4 लाख टन हो गई है। मंगलवार को जारी उद्योग के शुरुआती आंकड़ों से यह पता चलता है। पेट्रोल की बिक्री पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 5.3 प्रतिशत बढ़कर 10.5 लाख टन हो गई है। अक्टूबर के बाद से देश में पहली बार पेट्रोल की बिक्री में बढ़ोतरी हुई है।
पिछले साल मार्च में कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए सरकार ने देशबंदी की घोषणा की थी, जिससे भारत में ईंधन की बिक्री प्रभावित हुई थी। भारत की अर्थव्यवस्था दिसंबर तिमाही में वृद्धि की पटरी पर लौट आई और उम्मीद की जा रही है कि अब ग्राहक व निवेशक कोविड-19 के दौर से बाहर निकल रहे हैं और इससे आगे और तेजी आएगी।
पेट्रोल की बिक्री, जिसकी देश में कुल ईंधन की मांग में हिस्सेदारी 5 में से करीब दूसरा हिस्सा है, खुदरा दाम रिकॉर्ड स्तर पर होने के बावजूद बढ़ी है। इससे देश में औद्योगिक उत्पादन बढऩे के संकेत मिलते हैं। सरकारी कंपनियों इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन और भारत पेट्रोलियम की देश के कुल खुदरा पेट्रोल पंपों में हिस्सेदारी 90 प्रतिशत है।
सरकारी कंपनियों ने मार्च के शुरुआती 15 दिनों में एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में रसोई गैस 3.3 प्रतिशत कम बेचा है। आंकड़ों से पता चलता है कि इस दौरान रसोई गैस की बिक्री 10.1 लाख टन रही, जिस पर सब्सिडी घटा दी गई है। जेट ईंधन की बिक्री 36.5 प्रतिशत गिरकर 2,04,000 टन रही है।