जीरा (Cumin Seed Price) फिर महंगा होने लगा है और इसके भाव नई उंचाई पर पहुंच गए हैं। पिछले सप्ताह शुरुआत में इसके भाव मुनाफावसूली के कारण गिरे थे। लेकिन अब इसके भाव तेजी से बढ़ने लगे हैं। जानकारों के मुताबिक जीरा महंगा होने की वजह उत्पादन कम होने से इसकी आपूर्ति कम होने के साथ निर्यात मांग मजबूत होना मानी जा रही है।
सप्ताह भर में जीरा 20 फीसदी महंगा
कमोडिटी एक्सचेंज एनसीडीईएक्स (NCDEX) में एक सप्ताह पहले मुनाफावसूली के कारण 25 अप्रैल को जीरा का मई कॉन्ट्रैक्ट टूटकर 38,830 रुपये के स्तर पहुंच गया था। इसके बाद इसमें लगातार मजबूती देखी गई और आज इसने खबर लिखे जाने के समय 46,250 रुपये क्विंटल का दिन का ऊपरी स्तर छू लिया, जो अब तक जीरा के वायदा भाव का सर्वोच्च स्तर भी है। इस तरह सप्ताह भर में जीरा करीब 20 फीसदी महंगा हो चुका है। सप्ताह भर में जीरा की बेंचमार्क ऊंझा मंडी में इसके हाजिर भाव 41,000 रुपये से बढ़कर 45,500 रुपये प्रति क्विंटल हो चुके हैं। यह भाव भी अब तक सबसे अधिक भाव है। जिंस विश्लेषक और एग्रीटेक कंपनी green agrevolution pvt ltd में रिसर्च हेड इंद्रजीत पॉल ने कहा कि पिछले सप्ताह मुनाफावसूली के कारण कुछ दिन जीरा के भाव गिरे थे। पिछले सप्ताह के ही अंतिम दो कारोबारी दिनों से इसके भाव बढ़ने शुरू हुए और इस सप्ताह तो इसकी वायदा कीमतों में जोरदार तेजी देखी जा रही है। आज भी जीरा की वायदा कीमतों में 5 फीसदी तक बढ़ गई। जीरा के भाव बढ़ने की मुख्य वजह इसकी आपूर्ति कम होना है क्योंकि इस साल इसकी पैदावार काफी कम है। पिछले साल जीरा उत्पादन 6.29 लाख टन था। इस साल यह घटकर 3.8 से 4 लाख टन रह सकता है।
50 हजार रुपये छू सकते हैं जीरा के वायदा भाव
आईआईएफएल सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट व जिंस विशेषज्ञ अनुज गुप्ता कहते हैं कि हाल में बारिश से जीरा की आवक प्रभावित हो सकती है। इसका उत्पादन घटने से इसकी आपूर्ति पहले से ही कमजोर है। ऐसे में जल्द ही जीरा के वायदा भाव 50 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक जा सकते हैं। पॉल ने कहा कि जीरा की निर्यात मांग भी मजबूत बताई जा रही है। इससे भी जीरा के भाव 50 हजार रुपये तक पहुंचने में मदद मिल सकती है।