facebookmetapixel
Editorial: टिकाऊ कर व्यवस्था से ही बढ़ेगा भारत में विदेशी निवेशपीएसयू के शीर्ष पदों पर निजी क्षेत्र के उम्मीदवारों का विरोधपहले कार्यकाल की उपलब्धियां तय करती हैं किसी मुख्यमंत्री की राजनीतिक उम्रवित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही के दौरान प्रतिभूतियों में आई तेजीलक्जरी ईवी सेगमेंट में दूसरे नंबर पर जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर इंडियाअगले तीन साल के दौरान ब्रिटेन में 5,000 नई नौकरियां सृजित करेगी टीसीएसभारत में 50 करोड़ पाउंड निवेश करेगी टाइड, 12 महीने में देगी 800 नौकरियांसरकार ने विद्युत अधिनियम में ऐतिहासिक संशोधन किया पेश, क्रॉस-सब्सिडी के बोझ से मिलेगी राहतअर्थव्यवस्था बंद कर विकास की गति सीमित कर रहा भारत: जेरोनिम जेटल्मेयरTata Trusts की बैठक में टाटा संस विवाद पर चर्चा नहीं, न्यासियों ने परोपकारी पहल पर ध्यान केंद्रित किया

कमजोर मांग और अधिक कीमतों से कॉफी निर्यात प्रभावित

Last Updated- December 08, 2022 | 6:41 AM IST

चालू कैलेंडर वर्ष में नवंबर तक भारत का कॉफी निर्यात मात्र दो प्रतिशत बढ़ा है क्योंकि मूल्यवर्धित उत्पादों की कमजोर मांग और अधिक कीमतों ने पूरे विकास दर को अगस्त के बाद से एक तिहाई कर दिया है।


अगस्त तक कॉफी निर्यात की विकास दर छह प्रतिशत थी। कॉफी बोर्ड के अनुसार एक जनवरी से 28 नवंबर के बीच मूल्यवर्धित उत्पादों सहित कॉफी का निर्यात 2,08,000 टन था जो एक वर्ष पहले की समान अवधि में 2,04,000 टन था।

कॉफी बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि छुट्टियों के कारण 29 और 30 नवंबर को कोई निर्यात परमिट जारी नहीं किया गया। उन्होंने कहा, ‘कीमत पहलू की एक भूमिका है। मूल्यवर्धित उत्पादों का निर्यात भी आरंभ में तेजी से बढ़ने के बाद सुस्त पड़ा है।’

अधिकारी ने कहा कि भारतीय कॉफी का निर्यात मूल्य पिछले 11 महीनों में 26 प्रतिशत बढ़कर 1,09,000 रुपये प्रति टन हो गया जो एक साल पहले 86,707 रुपये था। भारतीय कॉफी के निर्यात गंतव्यों में रूस राष्ट्रकुल देश और जर्मनी शामिल हैं।

First Published - December 1, 2008 | 10:27 PM IST

संबंधित पोस्ट