चालू कैलेंडर वर्ष में नवंबर तक भारत का कॉफी निर्यात मात्र दो प्रतिशत बढ़ा है क्योंकि मूल्यवर्धित उत्पादों की कमजोर मांग और अधिक कीमतों ने पूरे विकास दर को अगस्त के बाद से एक तिहाई कर दिया है।
अगस्त तक कॉफी निर्यात की विकास दर छह प्रतिशत थी। कॉफी बोर्ड के अनुसार एक जनवरी से 28 नवंबर के बीच मूल्यवर्धित उत्पादों सहित कॉफी का निर्यात 2,08,000 टन था जो एक वर्ष पहले की समान अवधि में 2,04,000 टन था।
कॉफी बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि छुट्टियों के कारण 29 और 30 नवंबर को कोई निर्यात परमिट जारी नहीं किया गया। उन्होंने कहा, ‘कीमत पहलू की एक भूमिका है। मूल्यवर्धित उत्पादों का निर्यात भी आरंभ में तेजी से बढ़ने के बाद सुस्त पड़ा है।’
अधिकारी ने कहा कि भारतीय कॉफी का निर्यात मूल्य पिछले 11 महीनों में 26 प्रतिशत बढ़कर 1,09,000 रुपये प्रति टन हो गया जो एक साल पहले 86,707 रुपये था। भारतीय कॉफी के निर्यात गंतव्यों में रूस राष्ट्रकुल देश और जर्मनी शामिल हैं।