सुपारी वायदा पर लोअर सर्किट का साया

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 8:02 PM IST

सुपारी वायदा कारोबार का दूसरा दिन भी इसकेकारोबारियों के लिए मुनाफेका सौदा साबित नहीं हुआ। शुक्रवार सुबह कारोबार शुरू होने केसाथ ही नवंबर और दिसंबर कॉन्ट्रैक्ट लोअर सर्किट के लपेटे में आ गया।


आलम यह रहा कि दिन भर भारी उतार-चढ़ाव के बाद अंतत: यह चार फीसदी केलोअर सर्किट पर ही बंद हुआ। एमसीएक्स के अधिकारी ने यह जानकारी दी। विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल हाजिर बाजार में काम करने वाले कारोबारी नई फसल का इंतजार कर रहे हैं और इस वजह से वायदा कारोबार पर सिर्फ नजर रख रहे हैं, इसमें भागीदारी नहीं कर रहे।

नई फसल इस महीने के आखिर में या फिर अगले महीने की शुरुआत में आने की उम्मीद है। सुपारी की नई फसल में नमी ज्यादा होती है और इस वजह से उसकी कीमत काफी कम होती है। ऐसे में सुपारी वायदा में कारोबारियों के साथ-साथ इसके उत्पादन से जुड़े लोगों की भागीदारी तभी बढ़ेगी जब उन्हें नई फसल की पुख्ता जानकारी मिल जाएगी और तभी एमसीएक्स के टर्नओवर में उछाल दर्ज किया जाएगा।

विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस साल सुपारी की पैदावार पिछले साल की ही तरह 2.5 लाख टन रहेगी। उनका कहना है कि प्लांटेशन में इजाफा होने के बावजूद उम्मीद से कम बारिश केकारण उत्पादन पिछले साल की तरह ही रहेगा। एमसीएक्स के प्रोडक्ट मैनेजर राजेश बंसल ने बताया कि शुक्रवार को नवंबर वायदा 115.5 रुपये  प्रति किलो पर खुला और खुलते ही सर्किट के लपेटे में आ गया।

कारोबार के दौरान ऊंचे में 115.60 रुपये प्रति किलो तक जाने के बाद अंतत: 4 फीसदी के नुकसान पर 111.9 रुपये प्रति किलो पर बंद हुआ। दिसंबर वायदा का हाल भी कमोबेश ऐसा ही रहा। दिसंबर वायदा 115 रुपये पर खुला और 4 फीसदी के नुकसान से 112 रुपये पर बंद हुआ। अक्टूबर वायदा में कारोबारियों ने खास दिलचस्पी नहीं दिखाई।

शुक्रवार को कुल 80 लाख रुपये का कारोबार हुआ और लॉट (एक टन) के हिसाब से यह 60 लॉट बैठता है। कुल ओपन इंटरेस्ट था 40 लॉट का। देश में सुपारी की सबसे बड़ी मंडी शिमोगा (कर्नाटक) में सुपारी का भाव शुक्रवार को 113 रुपये प्रति किलो रहा। आम तौर पर वायदा बाजार में जिंसों की कीमत हाजिर बाजार के मुकाबले ज्यादा रहती है, लेकिन सुपारी वायदा फिलहाल इसका अपवाद बन गया है।

इस बाबत पूछे जाने पर राजेश बंसल ने बताया कि हाजिर बाजार के कारोबारियों की भागीदारी मुकम्मल होने और नई फसल की आवक केबाद ही इसकी कीमत की दिशा तय होगी। वैसे उन्हें उम्मीद है कि सोमवार से यह रफ्तार पकड़ेगा।

First Published : September 5, 2008 | 11:43 PM IST