कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार में तरलता बढ़ाने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण स्थायी सांस्थानिक प्रारूप बनाने का प्रस्ताव किया है। हालांकि बॉन्ड बाजार के भागीदारों का कहना है कि इसके प्रारूप को देखने के बाद ही इसकी सफलता के बारे में कुछ कहा जा सकता है।
सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा, ‘दबाव के समय कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार में भागीदारों के बीच भरोसा और द्वितीयक बाजार में तरलता बढ़ाने के लिए स्थायी सांस्थानिक ढांचा बनाने का प्रस्ताव किया गया है। प्रस्तावित निकाय निवेश दबाव और सामान्य दोनों समय में ग्रेड वाली ऋण प्रतिभूतियों को खरीदेगी। इससे बॉन्ड बाजार के विकास में मदद मिलेगी।’
हालांकि प्रस्तावित निकाय के प्रारूप का विवरण अभी उपलब्ध नहीं है लेकिन यह पहला मौका नहीं है जब सरकार ने इस तरह के निकाय की बात की है। पहले भी इस पर विचार किया गया था लेकिन बात नहीं बन पाई थी। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस क्षेत्र में अपनी मंजूर सीमा 5.42 लाख करोड़ रुपये का महज 25 फीसदी का ही उपयोग किया है।
एक बैंक के ट्रेजरी प्रमुख ने कहा, ‘इसे अगर एक नई श्रेणी, खास तौर पर रिटेल के लिए बनाया जाता है तो इसका लाभ मिल सकता है। अन्य बाजारों में भी इसी तरह की व्यवस्था है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो इसका फायदा मिलना मुश्किल है। इसके साथ ही कॉरपोरेट बॉन्ड को रीपो का पात्र होना चाहिए।’
बॉन्ड डीलरों का कहना है कि द्वितीयक बाजार में कॉरपोरेट बॉन्ड की मात्रा तब तक नहीं बढ़ सकती जब तक कि इसका प्रतिफल जोखिम के हिसाब से अधिक न हो। बेहतर रेटिंग वाली फर्मों के बॉन्ड पर ब्याज दर समान परिपक्वता वाले सरकारी बॉन्डों की तुलना में बेहतर होती है। बैंकों में जमा दरें भी कॉरपोरेट बॉन्ड की यील्ड से ज्यादा होती है। यही वजह है कि खुदरा निवेशक इस तरह के बॉन्ड में निवेश के लिए आकर्षित नहीं होते हैं।
हालांकि कर मुक्त बॉन्ड के प्रति कुछ निवेशकों का आकर्षण होता है लेकिन कॉरपोरेट बॉन्ड के मामले में ऐसी बात नहीं होती है।
एके कैपिटल के निदेशक पंकज अग्रवाल ने कहा, ‘कॉरपोरेट बॉन्ड के लिए प्रस्तावित सांस्थानिक प्रारूप इस बजट का ठोस कदम है। संकट के इस समय में अगर बॉन्ड की खरीद और बाजार में तरलता बढ़ाने के लिए स्थायी संस्थानिक प्रारूप होता है तो बाजार से कई तरह की अनिश्चितता दूर हो जाएगी। हालांकि इसका विस्तृत विवरण देखने के बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकता है।’
अग्रवाल ने कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर डेट फंड अधिसूचित कर प्रभावी शून्य ब्याज दर वाले बॉन्ड बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण के लिए उपयोगी हो सकते हैं। बाजार निश्चित तौर पर इसका खाका देखना चाहेगा।