FY26 के बजट में इंफ्रा कैपेक्स (infrastructure capex) को लेकर निवेशकों की उच्च उम्मीदों को पूरा नहीं किया गया। FY25 के संशोधित अनुमान (RE) की तुलना में कुल कैपेक्स में 11% और FY25 के बजट अनुमान (BE) की तुलना में केवल 5% की वृद्धि हुई है। हालांकि, FY26 में मेट्रो रेल के लिए आवंटन FY25 BE/RE की तुलना में क्रमशः 35% और 19% अधिक है, लेकिन सड़कों और रेलवे के लिए आवंटन सालाना आधार पर (YoY) फ्लैट रहा। रेलवे कैपेक्स में रोलिंग स्टॉक पर फोकस बढ़ा है। वहीं, जल आपूर्ति (Water Supply) और किफायती आवास (affordable housing) के लिए आवंटन भी कमजोर है और ‘स्मार्ट सिटी’ मिशन के लिए बजट में कोई आवंटन नहीं किया गया है। निवेशकों को बड़ी ग्रोथ की उम्मीद थी, लेकिन सड़क, रेलवे और शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे प्रमुख क्षेत्रों में कम आवंटन के कारण उन्हें निराशा हाथ लगी।
FY26 के Budget में इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए लगभग 15.5 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जो FY25 BE के INR 14.8 लाख करोड़ की तुलना में 5% अधिक है। ग्रॉस बजटरी सपोर्ट (GBS) में सालाना आधार पर सिर्फ 1% की वृद्धि हुई है और यह 11.2 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जबकि आंतरिक और अतिरिक्त बजट संसाधनों (IEBR) में 18% की वृद्धि दर्ज की गई है।
रेलवे और सड़क क्षेत्रों में आवंटन सालाना आधार पर फ्लैट रहा और यह FY25 के बजट और संशोधित अनुमान (BE और RE) दोनों के बराबर है। रेलवे रोलिंग स्टॉक के लिए आवंटन में 13% की वृद्धि हुई है, जबकि सिविल कंस्ट्रक्शन (डबलिंग, गेज रूपांतरण, नई लाइनें, आदि) के लिए आवंटन सालाना आधार पर स्थिर रहा।
FY26 के बजट में सड़क क्षेत्र के लिए कैपेक्स 2.7 अरब रुपये रखा गया है, जो FY25 BE/RE की तुलना में सालाना आधार पर फ्लैट रहा।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के लिए बजट आवंटन में सालाना आधार पर मात्र 1% की वृद्धि हुई है। FY26E में NHAI के लिए IEBR प्रोजेक्शन शून्य बना हुआ है, जिससे स्पष्ट होता है कि सरकार NHAI के कर्ज को बढ़ाने के पक्ष में नहीं है और एक सतर्क रुख अपना रही है।
एसेट मोनेटाइजेशन के मामले में भी FY26E के लिए आवंटन सालाना आधार पर फ्लैट रहा है।
सरकार ने रेलवे सेक्टर के लिए लगभग 2.7 लाख करोड़ आवंटित किए हैं, जो FY25 BE/RE की तुलना में सालाना आधार पर फ्लैट है। कुल आवंटन के भीतर, बजटरी सपोर्ट और IEBR दोनों में कोई वृद्धि नहीं हुई है। यह संकेत देता है कि सरकार रेलवे में अधिक कर्ज लेने को लेकर सतर्क है, जैसा कि NHAI के मामले में भी देखा गया।
FY25 के बजट लक्ष्य की तुलना में, वैगन और पैसेंजर कोच की खरीद लक्ष्य से कम रही। रेलवे FY26 में इस कमी को पूरा करने की योजना बना रहा है। FY26 (BE) में 38,000 वैगन खरीदने की योजना है, जबकि FY25 (RE) में यह संख्या 30,000 थी। इसी तरह, पैसेंजर कोच का लक्ष्य FY26 (BE) में 9,423 रखा गया है, जबकि FY25 (RE) में यह 7,910 था। लोकोमोटिव के लिए लक्ष्य सालाना आधार पर स्थिर है और यह 1,600 बना हुआ है।
मेट्रो रेल: इस सेक्टर के लिए कैपेक्स आवंटन में FY25 BE की तुलना में 35% और FY25 RE की तुलना में 19% की वृद्धि हुई है। सरकार का उद्देश्य शहरी भीड़भाड़ को कम करने के लिए मेट्रो और इंटरसिटी रैपिड रेल नेटवर्क का विस्तार करना है।
AMRUT योजना: AMRUT के लिए आवंटन में FY25 BE की तुलना में 25% की वृद्धि हुई है, जो शहरी जल आपूर्ति और स्वच्छता पर सरकार के फोकस को दर्शाता है।
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सड़क और रेवले के अलावा, अन्य इंफ्रा सब-सेगमेंट्स को भी मिश्रित आवंटन मिला है। इनमें शामिल हैं:
अफोर्डेबल हाउसिंग: प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) – शहरी के लिए FY26 (BE) में लगभग 233 अरब रुपये का आवंटन किया गया है, जो FY25 (BE) के 302 अरब रुपये की तुलना में 23% कम है। हालांकि, FY25 (RE) की तुलना में FY26 में यह आवंटन 54% बढ़ा है, क्योंकि FY25 में अपेक्षाकृत कम खर्च होने का अनुमान था।
PMAY-ग्रामीण: PMAY-ग्रामीण के लिए FY26 (BE) में 548 अरब रुपये का आवंटन किया गया है, जो FY25 (BE) की तुलना में 1% और FY25 (RE) की तुलना में 69% अधिक है।
शहरी इंफ्रा: इस बार के बजट में स्मार्ट सिटी मिशन के लिए कोई आवंटन नहीं किया गया है। दूसरी ओर, AMRUT कार्यक्रम के लिए आवंटन 100 अरब रुपये रखा गया है, जो FY25 (BE) की तुलना में 25% और FY25 (RE) की तुलना में 67% अधिक है।
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ब्रोकरेज हाउस नुवामा ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि कैपेक्स आवंटन की यह धीमी वृद्धि सड़कों और जल आपूर्ति क्षेत्रों की कंपनियों के लिए निराशाजनक है। दूसरी ओर, रेलवे रोलिंग स्टॉक पर ध्यान केंद्रित करने से टिटागढ़ और टेक्समैको रेल जैसी कंपनियों को फायदा होगा।
नुवामा रिसर्च ने सुझाव दिया है कि NCC जैसी कंपनियां, जिनके पास डायवर्स पोर्टफोलियो और कम कर्ज है, जो उभरते अवसरों का बेहतर फायदा उठा सकती हैं। धीमी कैपेक्स ग्रोथ ने लॉन्ग-टर्म इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में संभावित मंदी को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं, जिससे एसेट मॉनेटाइजेशन और पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल महत्वपूर्ण हो गए हैं ताकि फंडिंग गैप को भरा जा सके।
FY26 का यूनियन बजट, जहां मेट्रो और AMRUT योजनाओं में कुछ वृद्धि दिखाता है, वहीं मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर विस्तार की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया। सड़क, रेलवे और किफायती आवास जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सीमित ग्रोथ ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है। अब ध्यान एसेट मोनेटाइजेशन और संसाधनों के कुशल आवंटन पर है ताकि लॉन्ग-टर्म ग्रोथ के लक्ष्य पूरे किए जा सकें।