वित्त मंत्रालय ने जनवरी के अंतिम सप्ताह में शुरू होने वाले बजट सत्र से पहले विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से अनुदान की अनुपूरक मांगों (Supplementary Demands for Grants) के दूसरे और अंतिम बैच के लिए व्यय प्रस्ताव मांगे हैं।
यह आम चुनाव से पहले 17वीं लोकसभा का आखिरी सत्र होगा और सरकार लेखानुदान (expenditure approvals) के जरिये जुलाई, 2024 तक चार महीने के लिए संसद से खर्च की मंजूरी मांगेगी।
वित्त मंत्रालय ने एक कार्यालय ज्ञापन में कहा कि 2023-24 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों के दूसरे बैच को आगामी बजट सत्र में संसद के समक्ष रखे जाने का प्रस्ताव है। जो मामले ऐसी मांगों के तहत शामिल किए जाने के योग्य होंगे उनमें वे भी शामिल हैं जहां आकस्मिक निधि से अग्रिम राशि दी गई है।
इसमें कहा गया कि इसके अलावा, अदालती आदेश पर भुगतान के साथ-साथ ऐसे मामले भी शामिल होंगे जहां वित्त मंत्रालय ने विशेष रूप से शीतकालीन सत्र में अनुपूरक मांग को आगे बढ़ाने की सलाह दी है।
इसमें कहा गया, “अनुपूरक अनुदान के प्रस्तावों को आगे बढ़ाते समय अनुदान नियंत्रण प्राधिकारी को अनुदान के भीतर बचत की पहचान अवश्य करनी चाहिए ताकि निरर्थक या बढ़ी हुई अनुपूरक मांगों को दूर किया जा सके और अनुपूरक अनुदान प्राप्त करने के बाद उसे वापस लौटाने की स्थिति से बचा जा सके।”
शुक्रवार (29 दिसंबर) के कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, मंत्रालयों को आठ जनवरी तक अपने प्रस्ताव जमा करने होंगे। अंतरिम बजट 2024-25 एक फरवरी को पेश होने की संभावना है।