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जरूरत पड़ी तो मनरेगा को ज्यादा धन देंगे: वित्त मंत्री

अगले वित्त वर्ष के लिए मनरेगा के लिए आवंटन घटाकर 60,000 करोड़ रुपये किया गया है

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अरूप रायचौधरी
Last Updated- February 10, 2023 | 10:09 PM IST

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि जरूरत पड़ने पर सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के लिए अगले वित्त वर्ष के बजट में आवंटित राशि से अलग राशि मुहैया करा सकती है। प्रमुख रोजगार योजना के लिए बजट में आवंटन घटाए जाने पर विपक्षी दल सरकार की आलोचना कर रहे हैं।

लोकसभा में आम बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि नई आयकर प्रणाली से वेतनभोगी वर्ग के पास खर्च करने के लिए ज्यादा पैसे होंगे। उन्होंने कहा कि बजट में विकास और राजकोषीय अनुशासन के बीच नाजुक संतुलन कायम किया गया है।

सीतारमण ने कहा, ‘मनरेगा मांग आधारित योजना है, जब कभी इसकी मांग बढ़ेगी, हम जरूरत के मुताबिक अतिरिक्त धन मुहैया कराएंगे।’ उन्होंने कहा कि आर्थिक सुधार और प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण तथा जल जीवन मिशन में व्यापक बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए वित्त वर्ष 2024 में मनरेगा के लिए बजट अनुमान लगाया गया है।

चालू वित्त वर्ष के लिए मनरेगा के लिए संशोधित अनुमान 89,400 करोड़ रुपये का है जबकि बजट में 73,000 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान लगाया गया था। अगले वित्त वर्ष के लिए इस योजना के लिए बजट में 60,000 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव किया गया है।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2024 में अगर जरूरत होगी तब हम अतिरिक्त धन मुहैया कराएंगे।’

इस हफ्ते की शुरुआत में मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने भी प्रमुख ग्रामीण रोजगार योजना के लिए कम आवंटन को सही ठहराते हुए कहा था कि केंद्र ग्रामीण आवास और जल आपूर्ति के बुनियादी ढांचे पर जोर दे रहा है जिससे ग्रामीण इलाकों में रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा।

नागेश्वरन ने कहा, ‘मनरेगा के लिए कम धन का आवंटन करने की एक प्रमुख वजह यह है कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण और जल जीवन मिशन को विशेष तौर पर काफी ज्यादा धन आवंटित किया गया है। उम्मीद है कि ग्रामीण श्रमिकों को इन परियोजनाओं में रोजगार मिलेगा, इसलिए मनरेगा के तहत होने वाले काम की मांग कम होगी।’

लोक सभा में वित्त मंत्री ने कहा कि नई आयकर प्रणाली में 7 लाख रुपये तक की सालाना आय को कर मुक्त किया गया है, जिससे लोगों के हाथों में ज्यादा खर्च योग्य आय होगी। उन्होंने कहा कि नई प्रणाली अब काफी आकर्षक हो गई है क्योंकि कर छूट की सीमा पहले के 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये कर दी गई है। इसके साथ ही 50,000 रुपये की मानक कटौती की भी अनुमति दी गई है। नई कर प्रणाली से अधिकांश मध्य वर्ग के करदाताओं को लाभ होगा।

सीतारमण ने कहा, ‘बजट में कुशलता से राजकोषीय अनुशासन के दायरे में देश की विकास अनिवार्यताओं की जरूरतों का प्रबंधन किया गया है। यह बहुत ही नाजुक संतुलन का काम है। हमने सुनिश्चित किया है कि घाटे को काबू में करते हुए राजकोषीय अनुशासन को बनाए रखे जाए।’

First Published : February 10, 2023 | 10:09 PM IST