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Budget 2024: इंडेक्सेशन समाप्त करने का रियल एस्टेट सेक्टर पर ज्यादा असर नहीं; डेवलपर्स, कंसल्टेंट ने बताई वजह

वित्त मंत्री ने बजट भाषण में संपत्ति बिक्री पर इंडेक्सेशन का लाभ समाप्त करने का ऐलान किया था और एलटीसीजी दर 20 फीसदी से घटाकर 12.5 फीसदी कर दिया था। बाद में स्पष्ट किया कि...

Published by
राघव अग्रवाल   
अनीका चटर्जी   
Last Updated- July 24, 2024 | 11:17 PM IST

संपत्ति बिक्री पर लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ की गणना के समय मिलने वाले इंडेक्सेशन का लाभ समाप्त कर दिए जाने का लंबी अवधि में रियल एस्टेट क्षेत्र में मांग व कीमतों पर शायद बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। बिजनेस स्टैंडर्ड को दस डेवलपर्स व कंसल्टेंट से मिली राय के विश्लेषण से यह पता चलता है। लेकिन यह ऊंची कीमत वाली संपत्ति पर असर डालेगा, जिसकी मांग घट सकती है।

मंगलवार को वित्त मंत्री ने बजट भाषण में संपत्ति बिक्री पर इंडेक्सेशन का लाभ समाप्त करने का ऐलान किया था और एलटीसीजी दर 20 फीसदी से घटाकर 12.5 फीसदी कर दिया था। मंत्रालय ने बाद में स्पष्ट किया कि 1 अप्रैल 2001 से पहले खरीदी गई सपत्ति पर इंडेक्सेशन का लाभ मिलता रहेगा।

रेमंड रियल्टी के मुख्य कार्याधिकारी हरमोहन साहनी ने कहा, हमें वास्तविक ग्राहक से बिक्री पर किसी तरह का असर नहीं दिखता। उन्होंने कहा, निवेशक अंतत: उत्साहित होंगे क्योंकि यह सभी परिसंपत्ति वर्गों के बीच एकसमान अवसर सृजित करेगा। साथ ही संपत्ति की कीमतें स्थिर रहने के साथ-साथ मजबूत रह सकती हैं।

अजमेरा रियल्टी ऐंड इन्फ्रा इंडिया लिमिटेड के निदेशक देवल अजमेरा ने कहा, ये बदलाव रियल्टी क्षेत्र के लिए सकारात्मक हैं और इशका जुड़ाव अन्य परिसंपत्ति वर्ग मसलन इक्विटी, सोना आदि से हो जाएगा। उन्होंने कहा, यह समायोजन रियल एस्टेट को लंबी अवधि के निवेश के लिहाज से और आकर्षक बना सकता है।

प्रेस्टीज ग्रुप के कार्यकारी निदेशक व सीईओ स्वरूष अनीश ने कहा, यह कम अंतराल में संपत्ति को अपग्रेड करने के लिए प्रोत्साहित करेगा और नए रियल एस्टेट की मांग में मजबूती लाएगा। ग्रांट थॉर्नटन की पार्टनर शाबला शिंडा ने कहा, एलटीसीजी की दर घटाकर 12.5 फीसदी किए जाने से कर लागत में बढ़ोतरी कम करती है जो तब होता जब इंडेक्सेशन का लाभ नहीं मिलता।

उन्होंने कहा, साल 2001 से अब तक कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स औसतन करीब 6 फीसदी रहा है और कर की दर में गिरावट से निवेशक को 9 साल के बराबर फायदा मिलेगा। साथ ही अगर निवेशक 9 साल से कम समय तक संपत्ति अपने पास रखता है तो वह बेहतर स्थिति में होगा। इसे देखते हुए लगता है कि मांग पर शायद बहुत असर नहीं होगा।

सिग्नेचर ग्लोबल इंडिया के संस्थापक व चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने भी इस कदम का स्वागत किया और कहा कि यह कर ढांचे के सरलीकरण के लिए किया गया है।

मंगलवार को इसकी घोषणा के बाद ज्यादातर रियल्टी शेयर टूट गए थे। निफ्टी रियल्टी इंडेक्स 2.29 फीसदी टूटा था। बुधवार को हालांकि यह 0.78 फीसदी चढ़कर बंद हुआ। जेनिका वेंचर्स के संस्थापक व सीईओ अभिषेक राज ने कहा कि भारत में आवास की मांग व कीमतों में थोड़ी नरमी आ सकती है।

First Published : July 24, 2024 | 11:17 PM IST