बजट

Budget 2023: अंतिम चरण में पहुंची केंद्रीय बजट की प्रक्रिया

Published by
अरूप रायचौधरी
Last Updated- January 25, 2023 | 11:28 PM IST

वित्त मंत्रालय गुरुवार को परंपरागत ‘हलवा रस्म’ के बाद 2023 के केंद्रीय बजट को छपने की प्रक्रिया शुरू होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अब से ठीक एक सप्ताह बाद 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी।

मंत्रालय ने ट्वीट किया कि वित्त वर्ष 2023-24 का बजट कागजरहित होगा, जैसा कि इसके पहले के दो केंद्रीय बजट थे। ऐसे में हलवा रस्म परंपरा जारी रखने जैसा ही है, जरूरी नहीं है। इसके पहले कुछ जरूरी कर्मचारियों को मंत्रालय के अंदर बंद कर दिया जाता था और वे नॉर्थ ब्लॉक के प्रिंटिंग प्रेस में बजट की छपाई करते थे। अब मानदंड उतने सख्त नहीं हैं।

मंत्रालय ने ट्वीट किया, ‘हलुवे की रस्म 2023-24 के केंद्रीय बजट की तैयारियों की प्रक्रिया के अंत में होती है। यह केंद्रीय वित्त और कंपनी मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण की उपस्थिति में कल आयोजित होगा। यह कार्यक्रम नॉर्थ ब्लॉक में स्थित बजट प्रेस में होता है।’हर साल की तरह केंद्र सरकार ने माईजीओवी वेबसाइट पर नागरिकों से आगामी केंद्रीय बजट को लेकर विचार और सुझाव मांगे थे। नागरिकों की तरफ से तमाम सुझाव आए हैं। इसमें आयकर में कमी किया जाना, तंबाकू व अन्य नुकसानदायक सामान पर ज्यादा कर लगाया जाना, एमएसएमई को समय पर भुगतान और पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली करना शामिल है।

कुछ असामान्य सुझाप भी आए थे। इसमें केंद्र सरकार द्वारा जन्म के समय ही आधार, पैन, मोबाइल व बैंक खाता प्रदान करना अनिवार्य कर दिया जाना और करदाताओं के 18 साल तक के बच्चों को स्वास्थ्य बीमा प्रदान करने के लिए खजाने से कुछ राशि दिया जाना शामिल है।

एक ग्राहक संतोष देशपांडे ने कहा, ‘तंबाकू उत्पादों पर कर बढ़ाया जाना चाहिए। इससे तंबाकू से जुड़ी मौतें कम होंगी और इससे अतिरिक्त राजस्व आएगा। इसका इस्तेमाल राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजनाओं जैसे आयुष्मान भारत को मजबूत किए जाने में में किया जा सकता है।’ एक और यूजर राजेश जोशी ने लिखा है, ‘जन्म के समय ही आधार नंबर, पैन कार्ड नंबर, मोबाइल नंबर और बैंक खाता नंबर जारी कर दिया जाए। और सरकार 18 साल के लिए लड़कों के लिए इस खाते में 500 रुपये और लड़कियों के लिए 1,000 रुपये जमा करे।’ज्यादातर सुझाव आयकर में कटौती करने को लेकर थे। लोगों ने कहा है कि उन लोगों को कर छूट दी जाए, जो भुगतान का डिजिटल तरीका अपनाते हैं। करदाताओं का 5,000 रुपये का स्वास्थ्य बीमा करने और कर खाके को तार्किक बना जाने की भी मांग की गई है। न्यूनतम वैकल्पिक कर को खत्म करने के भी सुझाव आए हैं।

यह भी पढ़ें: Budget 2023: FICCI की सरकार से विंडफॉल टैक्स समाप्त करने की मांग

एक अनाम यूजर ने लिखा है, ‘कृपया व्यक्तिगत आयकर की न्यूनतम सीमा बढ़ाकर 8 लाख रुपये सालाना की जाए क्योंकि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग इस सीमा में आता है। कृपया उन कंपनियों पर कॉर्पोरेट कर बढ़ाएं, जिसकी आमदनी 10 करोड़ रुपये से ज्यादा है।’एक और यूजर वेंकट नारायणन ने लिखा है कि अगर कोई व्यक्ति शारीरिक रूप से 40 से 80 प्रतिशत अक्षम है तो उसके लिए कटौती की सीमा 75,000 रुपये है, कृपया इसे बढ़ाकर 2,00,000 रुपये करें या उसे आयकर भुगतान से मुक्त करें। साथ ही सरकार को अक्षम व्यक्तियों का 15,00,000 रुपये तक का ऋण माफ किया जाना चाहिए। कई यूजर्स ने ग्रामीण इलाकों में बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाने और हर सेक्टर में शोध व विकास पर व्यय बढ़ाने की मांग की है।

First Published : January 25, 2023 | 11:28 PM IST