बजट

Budget 2023 : सरकार ने बुनियादी ढांचा मद में बजट बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- February 01, 2023 | 10:11 PM IST
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आम बजट पेश करते हुए बुनियादी ढांचा मद में खर्च को बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये करने की घोषणा की है। इसके अलावा पर्यावरण के अनुकूल परियोजनाओं को बढ़ावा देने पर अतिरिक्त खर्च किया जाएगा।
ऐसे में लार्सन ऐंड टुब्रो, सीमेंस, थर्मेक्स, एचसीसी और टाटा जैसी देश की शीर्ष कंपनियां अपने ऑर्डर बुक में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद कर सकती हैं।
उद्योग जगत के सीईओ का कहना है कि बुनियादी ढांचे पर सरकार के पूंजीगत व्यय से उत्साहित होकर निजी क्षेत्र की कंपनियां भी मांग के अनुरूप क्षमता विस्तार के लिए आगे बढ़ेंगी।
अधिकतर सीईओ का कहना है कि उनकी क्षमता उपयोगिता धीरे-धीरे 75 फीसदी के ऊपर बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि रेल, सड़क और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों से लगातार बढ़ रही मांग को पूरा करने के लिए वे अपनी क्षमता बढ़ाएंगे।
एक बड़ी कंपनी के सीईओ ने कहा, ‘सरकार बुनियादी ढांचा क्षेत्र में कई मेगा परियोजनाओं पर काम कर रही है। इससे हमें मांग बढ़ने की उम्मीद है। बुनियादी ढांचे पर जोर दिए जाने से इस्पात, सीमेंट, रेल डिब्बे, ट्रकों एवं ट्रैक्टरों की मांग में तेजी आएगी।’
विशेषज्ञों ने कहा कि आम बजट में सरकार ने पूंजीगत व्यय मद में 30 फीसदी की बढ़ोतरी की है। यह एक सुखद आश्चर्य है क्योंकि सरकार ने पिछले साल ही इस मद में आवंटन को 35 फीसदी बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया था। इसलिए इसका व्यापक प्रभाव दिखेगा।
सरकार जीडीपी पर व्यापक प्रभाव के लिहाज से बुनियादी ढांचे के खर्च पर ध्यान केंद्रित कर रही है। यह कुल पूंजीगत व्यय का उल्लेखनीय हिस्सा होता है। बुनियादी ढांचा मद के कुल खर्च में राज्यों का योगदान 20 से 25 फीसदी होता है।
आम बजट में पूंजीगत निवेश के लिए राज्यों को दी जाने वाली विशेष मदद संबंधी योजनाओं के लिए आवंटन में भी 30 फीसदी की वृद्धि की गई है।
डेलॉयट इंडिया के पार्टनर अरिंदम गुहा ने कहा, ‘बजट में बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निजी निवेश के प्रोत्साहन के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी वाली परियोजनाओं के लिए क्रेडिट गारंटी योजना अथवा रेहन वाली प्रतिभूतियों के लिए एक राष्ट्रीय प्लेटफॉर्म जैसे प्रोत्साहन का अभाव दिखा। अन्य देशों में इस प्रकार के प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं।’
ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव से भी उद्योग को काफी उम्मीद है। एस्सार समूह के निदेशक प्रशांत रुइया ने कहा, ‘50 लाख टन हाइड्रोजन के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ ऊर्जा में बदलाव के लिए 35,000 करोड़ रुपये के आवंटन से नई मांग सृजित होगी।’
आरपीजी ग्रुप के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने कहा कि यह बजट भारत को विश्व चैम्पियन बनाने के मार्ग पर अग्रसर करेगा। इसमें बुनियादी ढांचे का विकास, खपत और समावेशन सभी मोर्चे पर निशाना साधा गया है। उन्होंने कहा, ‘इससे घरेलू विनिर्माण, रोजगार सृजन और कारोबारी सुगमता को काफी बल मिलेगा।’
जहां तक भारतीय कंपनियों का सवाल है तो टाटा ने अगले पांच साल में सेमीकंडक्टर, मोबाल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन पर 90 अरब डॉलर के निवेश की योजना बनाई है।
First Published : February 1, 2023 | 10:11 PM IST