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Maruti 800 के 40 साल पूरे, जयराम रमेश ने इंदिरा, राजीव गांधी का योगदान याद किया

पूर्व पर्यावरण मंत्री रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘आज से 40 साल पहले उपभोक्ता क्रांति ने गति पकड़ी और इंजीनियरिंग उद्योग में बदलाव आया।"

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भाषा   
Last Updated- December 14, 2023 | 1:46 PM IST

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने देश की पहली स्वदेशी कार ‘मारुति 800’ की शुरुआत के 40 बरस पूरे होने पर बृहस्पतिवार को इसके निर्माण में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तथा राजीव गांधी के योगदान को याद किया। वर्ष 1983 में 14 दिसंबर को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पहली मारुति 800 की चाभी हरपाल सिंह नामक व्यक्ति को सौंपी थी।

हरपाल सिंह का नाम लकी ड्रॉ में निकला था । इसके बाद यह कार भारत के करोड़ों परिवारों का हिस्सा बनी। अब यह चलन से बाहर हो चुकी है।

पूर्व पर्यावरण मंत्री रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘आज से 40 साल पहले उपभोक्ता क्रांति ने गति पकड़ी और इंजीनियरिंग उद्योग में बदलाव आया। लोगों की कार मारुति 800 शुरू की गई और देश इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को याद करता है, जिन्होंने पीछे रहकर एक शांत लेकिन बेहद प्रभावी भूमिका निभाई थी।

ओ. सुजुकी और वी. कृष्णमूर्ति को याद करना भी महत्वपूर्ण है जिन्होंने ऐतिहासिक सुजुकी-मारुति संयुक्त उद्यम को संभव बनाया।’’ उन्होंने कहा कि कृष्णमूर्ति ने पहले ‘भेल’ (भारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड) को मजबूती दी थी और बाद में ‘सेल’ (स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड) का कायापलट किया।

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रमेश ने इस बात उल्लेख किया, ‘‘कृष्णमूर्ति भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे महान प्रबंधकों में से एक थे। उन्होंने मुझे तीन अलग-अलग मौकों पर नौकरी की पेशकश की, लेकिन मेरी नजरें, सही या गलत, कहीं और थीं। वह अत्यंत सम्मोहक व्यक्तित्व थे।’’

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘40 साल बाद हम मारुति-सुज़ुकी (जो अब केवल सुजुकी है) और इसके कई प्रभावों का स्मरण करते हैं। आइए, असमानता और जलवायु परिवर्तन के दृष्टिकोण से, थोड़ा रुककर सोचें कि आज कुल बिक्री होने वाली कारों में 50 प्रतिशत से अधिक ‘एसयूवी’ (स्पोर्ट यूटिलिटी व्हीकल) होती हैं।’’

First Published : December 14, 2023 | 1:46 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)