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E3W बाजार में टॉप 10 पर निशाना साधेगी लोहिया ऑटो

दिसंबर 2025 तक करेगी 25 करोड़ रुपये निवेश, ईवी उद्योग के लिए लंबी नीतिगत मदद और प्रायोरिटी लेंडिंग चाहती है कंपनी

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- July 16, 2024 | 10:17 PM IST

इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में लंबे अरसे से मौजूद लोहिया ऑटो को आने वाले बजट में फेम-2 की तर्ज पर अनुकूल नीति का ऐलान होने की उम्मीद है, जिसके जरिये सरकार EV उद्योग को लंबे अरसे तक भरपूर सहारा देगी।

कंपनी ने EV के बढ़ते बाजार का फायदा उठाने के लिए इलेक्ट्रिक तिपहिया (E3W) सेगमेंट में 20 से 25 करोड़ रुपये निवेश करने का फैसला किया है। इस निवेश के जरिये कंपनी E3W बाजार में टॉप 10 कंपनियों में शामिल होना चाहती है।

लोहिया ऑटो के सीईओ आयुष लोहिया ने आज कहा कि फास्टर अडॉप्शन ऐंड मैन्युफैक्चरिंग हाइब्रिड ऐंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (फेम)-2 के तहत सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) पर अच्छी वित्तीय मदद दे रही थी। वैसी सब्सिडी खत्म होने के कारण इस उद्योग की रफ्तार कुछ कम हुई है।

यदि बजट में फेम-3 या किसी सकारात्मक नीति का ऐलान किया जाता है तो उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और दो या तीन साल में ही EV की बाजार हिस्सेदारी बहुत बढ़ जाएगी। उन्होंने EV को प्रायोरिटी लेंडिंग यानी कर्ज में तरजीह मिलने वाले क्षेत्रों में शामिल किए जाने की मांग सरकार से की ताकि बैंक उनके लिए एक निश्चित मात्रा में कर्ज जरूर दें।

लोहिया ने कहा कि अनुकूल और स्पष्ट नीतियां नहीं होने की वजह से उनकी कंपनी E2W पर फिलहाल जोर नहीं दे रही है और प्रीमियम सेगमेंट के मॉडल पेश करने में समय ले रही है। इसी कारण कंपनी फिलहाल E3W पर फोकस करने जा रही है।

इस बाजार में मीडियम स्पीड (25 किलोमीटर प्रति घंटा से अधिक) सेगमेंट में उनकी कंपनी की अच्छी पैठ है, जिसका फायदा बिक्री के आंकड़े बढ़ाने में किया जाएगा। लोहिया ऑटो की योजना सालाना 10,000 E3W बेचकर इसी वित्त वर्ष के दौरान टॉप 10 कंपनियों में पहुंचना है।

इंटरनैशनल एनर्जी एजेंसी के मुताबिक पिछले साल भारत में 5.80 लाख से अधिक E3W बेचे गए, जो चीन में हुई बिक्री से भी ज्यादा है। इसके साथ ही भारत E3W का सबसे बड़ा बाजार बन गया मगर यहां केवल 13 कंपनियां पिछले साल 10,000 या उससे अधिक वाहन बेच पाईं। सबसे बड़ी कंपनी महिंद्रा लास्ट माइल मोबिलिटी का आंकड़ा 54,592 वाहन रहा यानी लगभग 9 फीसदी बाजार पर उसका कब्जा रहा।

लंबे समय से इस बाजार में होने के बाद भी पिछड़ने वाली लोहिया ऑटो बाजार पकड़ने के लिए इसी महीने नए ब्रांड के साथ पांच नए ई-रिक्शा उतारेगी और आक्रामक मार्केटिंग तथा डीलर नेटवर्क में इजाफे के साथ बिक्री बढ़ाने की कोशिश करेगी। लोहिया ने कहा कि नए मॉडलों की कीमत पहले से मौजूद मॉडलों से करीब 15-20 फीसदी कम रखी जाएगी।

उत्तर और मध्य भारत में अच्छी पैठ वाली कंपनी अपनी डीलरशिप की संख्या इसी वित्त वर्ष में दोगुनी कर 200 तक पहुंचाने के लिए काम कर रही है। कंपनी उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, विदर्भ आदि क्षेत्रों में डीलरशिप बढ़ाएगी।

पश्चिम और दक्षिण भारत में कंपनी की मौजूदगी अभी बहुत कम है मगर लोहिया ने बताया कि इसी साल इन दोनों हिस्सों को ध्यान में रखते हुए यात्री तिपहिया उतारे जाएंगे। उत्तराखंड के काशीपुर में लोहिया ऑटो का कारखाना है, जहां साल में 1 लाख वाहन बन सकते हैं।

First Published : July 16, 2024 | 10:11 PM IST