लेखक : विनायक चटर्जी

आज का अखबार, लेख

बुनियादी ढांचा: राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति कितनी कारगर

वर्ष 2018 में विश्व बैंक के लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक में भारत 44वें स्थान पर था। शीर्ष पांच पायदान पर जर्मनी, स्वीडन, बेल्जियम, ऑस्ट्रिया और जापान जैसे देशों का दबदबा था। चीन इस सूचकांक में 26वें स्थान पर था। उसी दौरान भारत में लॉजिस्टिक की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता के लिहाज से कमजोर प्रभाव को लेकर गंभीर चर्चा […]

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Opinion: नवीकरणीय ऊर्जा के भंडारण की चुनौती

पिछले वर्ष विश्व की बिजली उत्पादन क्षमता में नवीकरणीय यानी अक्षय ऊर्जा का योगदान उल्लेखनीय रूप से 83 प्रतिशत रहा। इसमें पवन और सौर ऊर्जा का खासा हिस्सा रहा है। हालांकि, अक्षय ऊर्जा को सहेजना सबसे बड़ी चुनौती है, क्योंकि पवन हो या सौर ऊर्जा, यह परिवर्तनशील और अनियमित प्रकृति की है। इसका एक मात्र […]

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मुंद्रा पोर्ट: कैसे एक मछुआरों का गांव बड़ा पोर्ट बन गया

वर्ष 1990 की शुरुआत में अहमदाबाद के एक बड़े और सफल गुजराती कारोबारी समुद्र किनारे ​​बसे मछुआरों के गांव मुंद्रा में टहल रहे थे। नमक मिश्रित दलदली भूमि से ​घिरी कच्छ की खाड़ी में उफान मारती लहरों पर छोटी नावें ऊपर-नीचे होती गुजर रही थीं। यह बंजर समुद्री किनारा किसी भी कारोबारी के लिए ऐसा […]

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बुनियादी ढांचा: क्या है IMEE कॉरिडोर? जानें G20 कॉरिडोर पहल की जरूरी बातें

सितंबर में दिल्ली में आयोजित जी20 शिखर बैठक में हुई कई घोषणाओं में से जिस एक घोषणा ने व्यापक जिज्ञासा उत्पन्न की वह है आईएमईई कॉरिडोर। आइए जानते हैं इससे जुड़े 10 प्रश्न और उनके उत्तर। आईएमईई कॉरिडोर क्या है? इसका पूरा नाम है इंडिया-मिडल ईस्ट-यूरोप कॉरिडोर। यह एक परिवहन लिंक है जो मुंबई से […]

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बुनियादी ढांचा: गैलाथिया खाड़ी में पड़ाव का राष्ट्रीय महत्त्व

जब हम यह विचार करते हैं कि 7,500 किलोमीटर लंबी तटरेखा और 200 से अधिक बंदरगाहों वाला देश भारत, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है तब यह बात विरोधाभासी लगती है कि उसके पास अपना सार्थक अंतरराष्ट्रीय ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह (ऐसा बंदरगाह जहां एक जहाज से माल उतारकर दूसरे में लादा […]

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बुनियादी ढांचा: बिजली की समयानुसार मांग और चुनौतियां

किसी आदर्श बाजार में वस्तुओं या सेवाओं की कीमतें मांग और आपूर्ति द्वारा निर्धारित की जाती हैं। मांग और आपूर्ति दोनों में बदलाव आता रहता है और इसके साथ ही कीमतें भी बदलती हैं। उपभोक्ताओं का वास्ता अक्सर इन बदलती परिस्थितियों से पड़ता रहता है। उदाहरण के तौर पर छुट्टियों के मौसम में मांग बढ़ने […]

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बुनियादी ढांचा: परमाणु एजेंडे में नयापन लाने की कवायद

इस साल जून के आखिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा (PM Modi US Visit) के दौरान जारी भारत-अमेरिका संयुक्त बयान में और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी परमाणु सहयोग के साथ-साथ छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों (एसएमआर) पर काफी जोर दिया। संयुक्त बयान में कहा गया, ‘प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडन […]

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विद्युत ट्रांसमिशन में समान अवसर की दरकार

भारत के बिजली क्षेत्र को चार कड़ी वाली एक श्रृंखला के रूप में देखा जा सकता है जिसमें ईंधन, उत्पादन, बिजली का संचार और वितरण शामिल है। हालांकि अधिकांश चर्चा ईंधन, उत्पादन और वितरण पर केंद्रित है जबकि देश के एक छोर से दूसरे छोर तक और यहां तक कि सीमाओं के पार भी बिजली […]

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अदालती निर्देश बिजली उपभोक्ताओं के हित में

बिजली क्षेत्र को लेकर जो भी चर्चा होती है वह अनिवार्य रूप से वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) की अपने आपूर्तिकर्ताओं और ग्राहकों दोनों के साथ त्रुटिपूर्ण व्यवहार को लेकर खिंचाई के साथ समाप्त होती है। डिस्कॉम को कोसने का यह सिलसिला तीन दशक से अधिक समय से चल रहा है। इन वितरण कंपनियों पर अस्वीकार्य पारेषण […]

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निजी इंटरप्राइजेज के बलबूते बंदरगाह क्षेत्र का नया युग

बात 1990 के दशक के मध्य की है जब तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था की जरूरतें पूरी करने के लिहाज से भारत के बंदरगाह (Ports) पर्याप्त क्षमता वाले नहीं माने जाते थे। इसे निराशाजनक तरीके से रसद श्रृंखला (लॉजिस्टिक्स चेन) के लिहाज से भी बाधाकारी ही माना जाता था। वर्ष 1996-97 के केंद्रीय बजट दस्तावेज में […]