लेखक : राजेश कुमार

आज का अखबार, लेख

ऋण घटाने की दिशा में अस्पष्ट नीति आर्थिक प्रगति पर पड़ सकती है भारी

वस्तु एवं सेवा कर दरों में कमी और उन्हें युक्तिसंगत बनाने का आर्थिक वृद्धि और कर संग्रह पर जो प्रभाव पड़ेगा उसका वित्त मंत्रालय को सावधानीपूर्वक अध्ययन करना होगा। खासतौर पर इसलिए क्योंकि वित्त मंत्रालय ने आगामी आम बजट की तैयारियां भी शुरू कर दी होंगी। हालांकि, वित्तीय बाजार और अन्य अंशधारक केवल इसी पहलू […]

आज का अखबार, लेख

महंगाई पर लगाम: आरबीआई ने जारी किया चर्चा पत्र, FIT ढांचे को जारी रखना समझदारी

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मौद्रिक नीति ढांचे की समीक्षा पर एक परिचर्चा पत्र जारी कर अच्छा कदम उठाया है। इस परिचर्चा पत्र में चार प्रमुख बिंदुओं पर सुझाव मांगे गए हैं। लचीले मुद्रास्फीति लक्ष्य (एफआईटी) ढांचे को कानूनी शक्ल देने के लिए वर्ष 2016 में आरबीआई अधिनियम में संशोधन किया गया था। ‘आर्थिक वृद्धि […]

आज का अखबार, लेख

वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता और पूंजी लागत में वृद्धि से FDI पर दिख रहा दबाव

हाल में जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में खुदरा मुद्रास्फीति दर कम होकर मई में 2.8 फीसदी रह गई। यह पिछले 75 महीनों का सबसे निचला स्तर है। खुदरा मुद्रास्फीति में हुई भारी कमी को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने 6 जून को रीपो दर में 50 आधार […]

आज का अखबार, लेख

अर्थतंत्र: अमेरिका के बढ़ते ऋण का परिणाम

बाजार पूंजीकरण के मुताबिक दुनिया के सबसे बड़े बैंक जेपी मॉर्गन चेज के मुख्य कार्याधिकारी जेमी डिमन ने हाल ही में चेतावनी दी है कि अमेरिकी बॉन्ड बाजार में दरार आकर रहेगी। निस्संदेह यह पूर्वानुमान गंभीर है और अगर यह सही साबित हुआ तो वित्तीय बाजारों तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसका गंभीर असर होगा। अमेरिका […]

आज का अखबार, लेख

अंदरूनी हालात से परेशान पाकिस्तान

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले को एक महीने से अधिक समय बीत चुका है। इस आतंकी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान एवं उसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों पर हमले हवाई हमले किए। इसके बाद दोनों देशों में सैन्य झड़प शुरू हो गई जिसमें भारत ने पाकिस्तान […]

आज का अखबार, लेख

टैरिफ के खतरे से निपटने की क्या हो रणनीति?

अब यह स्पष्ट हो चुका है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप, वैश्विक व्यापार व्यवस्था को उलट-पुलट देने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। हालांकि नई व्यवस्था का स्वरूप क्या होगा यह भी स्पष्ट नहीं है। ट्रंप और उनके करीबी सहयोगियों के दिमाग में जो भी बातें हों लेकिन अंतिम परिणाम संभवतः उससे काफी अलग होगा। […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार, बजट

Budget 2025: अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए कर दिए जादुई उपाय

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई 2024 में जब नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश किया था तब से अब तक भारतीय अर्थव्यवस्था की तस्वीर काफी बदल चुकी है। उस समय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के वित्त वर्ष 2023-24 के आंकड़े ही आए थे, जिनके मुताबिक उसमें 8.2 फीसदी वृद्धि […]

आज का अखबार, लेख

अर्थतंत्र: राजकोषीय प्रबंधन के लिए कार्य योजना जरूरी

वित्त वर्ष 2025-26 का बजट कुछ ही हफ्तों में पेश कर दिया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों की केंद्रीय बजट से अलग-अलग उम्मीदें हैं मगर इस स्तंभ में मुख्य रूप से बजट के इतर राजकोषीय प्रबंधन पर ध्यान दिया जा रहा है। खबरों के अनुसार केंद्र सरकार 2025-26 के बजट में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद […]

आज का अखबार, लेख

अर्थतंत्र: भारत के पास विदेशी मुद्रा भंडार की मजबूत ढाल

पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने से रुपया दबाव में आ गया है। पिछले सप्ताह यह अमेरिकी डॉलर की तुलना में 84 के पार चला गया। तनाव बढ़ता ही रहा तो दो कारणों से रुपये की चाल पर अनिश्चितता और बढ़ सकती है। पहला, पश्चिम एशिया में चल रहा तनाव विदेशी निवेशकों में जोखिम भरे दांव […]

आज का अखबार, लेख

अर्थतंत्र: नई राजकोषीय नीति से जुड़े सवाल

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पिछले माह पेश किए गए तीसरी नरेंद्र मोदी सरकार के पहले केंद्रीय बजट में, चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य में 20 आधार अंकों का सुधार करते हुए इसे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.9 प्रतिशत पर ला दिया गया है, जो फरवरी में पेश अंतरिम […]