नीति नियम- क्षमता की कीमत पर समता का तर्क
क्या भारत सरकार और राष्ट्रीय नियामकों को यह सोचना चाहिए कि देश के एक तबके की स्थिति में सुधार करने के लिए दूसरे को दंडित करना आवश्यक है? यह न केवल सैद्धांतिक तौर पर विरोधाभासी है बल्कि व्यवहार में भी अतीत में यह देश के आर्थिक विकास के लिए विरोधाभासी साबित हुआ है। इसके बावजूद […]
नीति नियम: ग्लोबल साउथ और भारत की ख्वाहिश!
हाल के समय में भारत ने खुद को ‘ग्लोबल साउथ’ के नेता के रूप में पेश करने की कोशिश की है। यदि निर्विवाद नेता के रूप में नहीं तो भी वह खुद को कम से कम उसके सबसे मुखर प्रवक्ता के रूप में स्थापित करना चाहता है। प्रश्न यह है कि ग्लोबल साउथ है क्या? […]
नीति नियम: विश्व शांति में अमेरिकी प्रभुत्व का अंत!
अधिकांश लोगों के लिए यह समझना कठिन होगा कि बीते 75 वर्ष विसंगतियों से भरे हुए थे। युद्ध के बाद के दौर में जो स्थिरता नजर आई है उसे अमेरिका ने पहले सोवियत संघ के साथ एक असहज संतुलन के माध्यम से और उसके पश्चात तीन दशकों तक अपने दम पर रेखांकित किया। पैक्स अमेरिकाना […]
‘पर्यावरण के अनुकूल’ विकास अवधारणा का अंत!
क्या हम पीछे मुड़कर वर्ष 2020 से 2023 तक के वर्षों को ‘पर्यावरण के अनुकूल वृद्धि’ पर सहमति के लिहाज से अहम वर्षों के रूप में देखेंगे? तीन वर्ष पहले महामारी आने के बाद दुनिया के समान सोच वाले नेताओं ने आर्थिक स्थिति में सुधार और पैकेज के लिए अपने खजाने से असाधारण धन राशि […]
G-20 में शी चिनफिंग की अनुपस्थिति के मायने
इस सप्ताहांत दुनिया भर के नेता जी-20 शिखर बैठक में हिस्सा लेने के लिए राजधानी नई दिल्ली में एकत्रित हुए हैं। शहर में उम्मीद का माहौल है और लोक निर्माण विभाग ने उसके बड़े हिस्से को सजा-संवार दिया है। शहर के बाकी हिस्से को सुरक्षा सेवाओं ने बंद कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के […]
Opinion: क्या भारत में औद्योगिक नीति फिर होगी विफल?
औद्योगिक नीति एक बार फिर जोर-शोर से आजमाई जा रही है। वैश्विक स्तर पर सरकारों को लगता है कि वे सब्सिडी, नए नियमों और शुल्कों की मदद से अपनी अर्थव्यवस्था को विकास की राह पर तेज गति से आगे ले जा सकती हैं। इससे भविष्य में औद्योगिक ढांचा और मजबूत हो जाएगा। इस नीति को […]
G20 प्रेसिडेंसी की सफलता के लिए तय करें लक्ष्य
अहम वित्तीय निर्णय लेने वाले दुनिया के कई प्रमुख व्यक्ति इस सप्ताह अहमदाबाद में बैठक कर रहे हैं। G20 देशों के वित्त मंत्रियों की बैठक जिसकी अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कर रही हैं, वह नीति निर्माण के कैलेंडर के लिहाज से सर्वाधिक अहम तारीखों में से एक होगी। वर्ष के मध्य तक G20 की […]
Opinion: रूस में शासन संबंधी नवाचारों की नाकामी
Russia Political Crisis: फरवरी 2022 में जब रूस की सेनाओं ने यूक्रेन पर पूरी क्षमता के साथ हमला किया, तब से यह समझ पाना काफी मुश्किल बना हुआ है कि दरअसल रूस में, उसकी सेना के साथ और सरकार के साथ क्या हो रहा है? पिछले पखवाड़े सैकड़ों हथियारबंद लोग वाहनों में सवार होकर मॉस्को […]
भारत-अमेरिका रिश्तों में नई हिचकिचाहटों की आहट
भारत और अमेरिका के रिश्तों में बीते दो दशकों में काफी सुधार हुआ है। यह एक ऐसा तथ्य है जिसे कहने की जरूरत शायद ही है। सन 2016 में अमेरिकी कांग्रेस के एक संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि दोनों देशों के आपसी रिश्ते ‘ऐतिहासिक हिचकिचाहट’ को पार […]
New Parliament: उद्घाटन व धार्मिक अनुष्ठानों की वजह
कोई भी वर्तमान सरकार पर यह आरोप नहीं लगा सकता है कि वह अपनी सामाजिक प्राथमिकताओं में तेजी से बदलाव कर रही है। 2014 में मौजूदा सरकार के कार्यकाल के पहले दिन से लेकर अब तक भारतीय गणराज्य की दिशा एकदम स्पष्ट रही है: हम अधिक बहुसंख्यकवादी और सांस्कृतिक दृष्टि से रूढि़वादी राष्ट्र की अवधारणा […]