लेखक : हर्ष कुमार

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वित्त मंत्रालय बजट से पहले सरकारी बैंकों के अधिकारियों के साथ करेगा मीटिंग, प्रमुख सरकारी योजनाओं की होगी समीक्षा

वित्त वर्ष 2025-26 के लिए union budget से कुछ सप्ताह पहले, वित्तीय सेवा विभाग के सेक्रेटरी एम. नागराजू 15 जनवरी को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मैनेजिंग डायरेक्टर्स और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर्स के साथ एक बैठक की अध्यक्षता करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक का उद्देश्य आर्थिक समावेशन योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करना और […]

आज का अखबार, वित्त-बीमा

Budget 2025: वित्त मंत्रालय का सुझाव: बड़ी इंफ्रा परियोजनाओं के लिए बैंकों और एनबीएफसी की बढ़े साझेदारी

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को सुझाव दिया है कि वे बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को धन मुहैया करने में अपनी भागीदारी बढ़ाएं। मंत्रालय के अनुसार विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को हासिल करने के लिए यह महत्त्वपूर्ण है। वित्तीय सेवा मामलों के सचिव एम. नागराजू ने इंडिया इन्फ्रास्ट्रक्चर […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार, कमोडिटी, बैंक, वित्त-बीमा, समाचार

Agriculture Sector से आ रही है अच्छी खबर, पढ़े NABARD क्या कह रहा है

राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के चेयरमैन शाजी केवी ने नई दिल्ली में रविवार को कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में कृषि ऋण वृद्धि दर 13 प्रतिशत से अधिक रहेगी और कृषि ऋण 27 से 28 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर जाएगा। नाबार्ड के चेयरमैन ने कहा, ‘पिछले एक दशक […]

आज का अखबार, उद्योग

ई-नीलामी के लिए ‘बैंकनेट’ की शुरुआत

वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव एम नागराजू ने शुक्रवार को ई-नीलामी पोर्टल ‘बैंकनेट’ की शुरुआत की। यह पोर्टल सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की वसूली प्रक्रिया में सहायता करेगा, ताकि बैंकों के बैलेंस सीट में सुधार होने के साथ कारोबारों और व्यक्तियों के लिए ऋण की उपलब्धता बढ़े। वित्त मंत्रालय के बयान के मुताबिक इस […]

आज का अखबार, वित्त-बीमा

NBFC reforms: FIDC ने नकदी बढ़ाने के लिए की सुधारों की मांग

वित्तीय क्षेत्र और पूंजी बाजार के हितधारकों के साथ बजट-पूर्व परामर्श के दौरान भारत में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के एक प्रमुख निकाय वित्त उद्योग विकास परिषद (एफआईडीसी) ने एनबीएफसी के परिचालन बोझ को कम करने और नकदी की स्थिति बेहतर करने के लिए महत्त्वपूर्ण सुधारों की मांग की है। एफआईडीसी के प्राथमिक अनुरोधों में […]

आज का अखबार, कंपनियां, बजट

Budget: आपका बिजनेस 5 करोड़ से कम हैं, तो आप भी इस मांग का समर्थन करेंगे

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) का प्रतिनिधित्व करने वाले औद्योगिक संगठन ने सरकार से 5 करोड़ रुपये से कम टर्न ओवर वाली एमएसएमई को बेवजह ऑडिट और जांच से छूट देने की मांग की है, जब तक कि कोई बड़ी चूक या विसंगति सामने न आ जाए। देश में करीब 98,200 एमएसएमई का प्रतिनिधित्व […]

आज का अखबार, उद्योग

MSMEs से सरकारी खरीदी में 43% की गिरावट

केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) की वित्त वर्ष 24 में सूक्ष्म व लघु उद्यमों (एमएसई) से खरीद 43 फीसदी की भारी गिरावट के साथ महज 773.39 करोड़ रुपये रह गई। वित्त मंत्रालय के सार्वजनिक उद्यम सर्वेक्षण के नवीनतम संस्करण के मुताबिक 188 सीपीएसई ने वित्त वर्ष 2022-23 में 1,369.46 करोड़ रुपये की खरीदारी की […]

अर्थव्यवस्था, कंपनियां

CSR expenditure: सरकारी कंपनियों का CSR पर खर्च 4 साल के हाई पर

वित्त मंत्रालय द्वारा जारी सार्वजनिक उद्यमों के ताजा सर्वे के मुताबिक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) का कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) पर खर्च वित्त वर्ष 2024 में 19 प्रतिशत बढ़कर 4,911 करोड़ रुपये हो गया है। यह वित्त वर्ष 2023 में आई खर्च में गिरावट के बाद पिछले 4 साल का सबसे अधिक खर्च […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार, भारत

CPSE में नियमित कर्मचारियों की संख्या घटी, ठेके पर काम करने वालों में 8.8% की बढ़ोतरी

केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (सीपीएसई) में वित्त वर्ष 24 में नियमित कर्मचारियों की संख्या 3.14 प्रतिशत कम होकर 8,14,018 रह गई है। इसी दौरान ठेके पर काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या 8.8 प्रतिशत बढ़कर 7,04,565 पहुंच गई है। इसी सप्ताह जारी सीपीएसई के सर्वे में यह बात कही गई। इसमें बताया गया है कि […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार

प्राथमिकता क्षेत्र के ऋण ढांचे में सुधार की मांग, उभरते क्षेत्रों को मिलेगा बढ़ावा

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने भारत के प्राथमिकता क्षेत्र के ऋण (पीएसएल) ढांचे में उल्लेखनीय सुधार किए जाने का अनुरोध किया है। बजट के पहले दिए गए सुझाव में सीआईआई ने कहा है कि इससे देश की उभरती आर्थिक प्राथमिकताओं के साथ बेहतर तालमेल हो सकेगा। उद्योग संगठन ने उभरते हुए क्षेत्रों को समर्थन देने […]