भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार एसोसिएशन (ईएफटीए) देशों ने सोमवार को ‘प्रतिबद्ध डेस्क’ लॉन्च किया। इसका मकसद भारत में निवेश को इच्छुक यूरोप के कारोबारियों को आधारभूत, भारत में कारोबार को स्थापित करने व विस्तार करने में मदद करना है। यह व्यापार समझौते के तहत दोनों पक्षों की 100 अरब डॉलर निवेश की प्रतिबद्धता को पूरा करेगा।
ईएफटीए देशों की निवेश प्रतिबद्धता में अगले 10 वर्षों में भारत में 50 अरब डॉलर निवेश और इसके अगले पांच वर्षों में अतिरिक्त 50 अरब डॉलर निवेश की प्रतिबद्धता है। इसके मद्देनजर डेस्क की स्थापना की गई है। ईेएफटीए के सदस्य देशों में में आइसलैंड, लिक्टनस्टाइन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड शामिल हैं।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को इस संदर्भ में कहा कि ईएफटीए समूह की तरफ से जताई गई 100 अरब डॉलर की निवेश प्रतिबद्धता भारतीय पारिस्थितिकी तंत्र में 400-500 अरब डॉलर के निवेश प्रस्तावों को लाने में मदद कर सकती है। गोयल ने कहा, ‘100 अरब डॉलर की निवेश प्रतिबद्धता के साथ मेरी निजी राय है कि इसके दम पर भारतीय पारिस्थितिकी तंत्र में 400 या 500 अरब डॉलर का समग्र निवेश लाया जा सकता है।’समझौते के अनुरूप 10 लाख प्रत्यक्ष रोजगार पैदा होने पर प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से 50-60 लाख रोजगार अवसरों का सृजन हो सकता है।
भारत ने ईएफटीए देशों को राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम लिमिटेड (एनआईसीडीसी) द्वारा विकसित किए जा रहे 20 औद्योगिक स्मार्ट शहरों या बजट में घोषित 100 औद्योगिक हब एवं स्पोक मॉडल क्षेत्रों में समर्पित एन्क्लेव बनाने का अवसर दिया है। उन्होंने कहा कि इस संभावना पर भी गौर किया जा रहा है कि क्या कोई औद्योगिक पार्क उनके संबंधित देशों की कंपनियों को समर्पित किया जा सकता है।