म्युचुअल फंडों की बढ़ोतरी के सफर को 2024 में खुदरा निवेशकों से खूब बढ़ावा मिला। इस दौरान सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के निवेश में तीव्र उछाल दर्ज हुई और साल के पहले 11 महीनों में निवेशकों की संख्या करीब 1 करोड़ बढ़ गई।
एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों से पता चलता है कि SIP निवेश पूरे साल लगातार बढ़ते हुए नवंबर 2024 में 25,320 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। जनवरी-नवंबर की अवधि में कुल SIP निवेश 2.4 लाख करोड़ रुपये रहा। एसआईपी निवेश मोटे तौर पर खुदरा निवेशकों की तरफ से आता है।
एक्टिव इक्विटी योजनाओं में मिले रिकॉर्ड निवेश में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिये निवेश में हुई वृद्धि का प्रमुख योगदान रहा। नवंबर तक निवेशकों ने एक्टिव इक्विटी योजनाओं में रिकॉर्ड 3.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जो कैलेंडर वर्ष 2023 के 1.6 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले दोगुना से भी ज्यादा है। अकेले एसआईपी ने 3.5 लाख करोड़ रुपये के कुल एक्टिव इक्विटी फंड निवेश में लगभग 2 लाख करोड़ रुपये का योगदान दिया। फंडों के अधिकारियों के अनुसार एसआईपी निवेश में वृद्धि से फंडों में खुदरा निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी जाहिर होती है।
एम्फी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वेंकट चलसानी ने हालिया संदेश में कहा कि उद्योग में लगातार एसआईपी प्रवाह आकर्षित करने की क्षमता यह बताती है कि निवेशकों को लंबी अवधि में बेहतर मूल्य मिलने की उम्मीद है। उन्होंने हाल के वर्षों में इक्विटी योजनाओं के मजबूत प्रदर्शन का हवाला देते हुए कहा कि इसी से इनमें तेजी आई है। बाजार में तेजी के बीच हाल के वर्षों में इक्विटी फंड योजनाओं ने मजबूत रिटर्न दिया है। 2024 में हालांकि बेंचमार्क सूचकांकों ने लगभग 8 फीसदी का रिटर्न दिया है। निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 ने लगभग 24 फीसदी से अधिक का रिटर्न दिया है। 2023 में इक्विटी ने और भी बेहतर रिटर्न दिया था।
रिटर्न के चार्ट पर मजबूत प्रदर्शन ने नए निवेशकों को आकर्षित करने में भी फंडों को सक्षम बनाया। नवंबर तक फंडों ने 2023 में 54 लाख की तुलना में 2024 में 98 लाख निवेशक जोड़े थे। नवंबर 2024 में यूनिक निवेशकों की संख्या 5.18 करोड़ थी। पिछले मजबूत प्रदर्शन के अलावा ऐक्टिव और पैसिव इक्विटी योजनाओं में रिकॉर्ड संख्या में फंड लॉन्च होने से भी निवेशकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई। फंडों ने 2024 में 153 इक्विटी योजनाएं पेश कीं जबकि 2023 में इनकी संख्या 89 थी।
कुल मिलाकर फंड निवेश में वृद्धि बाजार के लिए बड़ा सहारा साबित हुई, खासकर वर्ष के उत्तरार्ध में जब एफपीआई ने आक्रामक रूप से भारतीय बाजारों में बिकवाली की। फंडों ने 2024 में (20 दिसंबर तक) 4.2 लाख करोड़ रुपये की इक्विटी खरीदी। विशेषज्ञों के अनुसार अगर एफपीआई अपनी बिकवाली जारी रखते हैं तो फंडों का निवेश बाजार के लिए एक अहम समर्थन रहेगा।