हाल के सप्ताहों में इक्विटी बाजारों को ऊंचे स्तर पर बने रहने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। हीलियस कैपिटल (Helios Capital) के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक समीर अरोड़ा भारत में म्युचुअल फंड व्यवसाय शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं।
उन्होंने पुनीत वाधवा के साथ टेलीफोन पर हुई बातचीत में बताया कि गेमिंग कंपनियों को जारी किए गए पूर्व-प्रभावी कर नोटिसों से बाजार धारणा प्रभावित नहीं हुई है, क्योंकि सिर्फ एक गेमिंग कंपनी सार्वजनिक तौर पर सूचीबद्ध है। मुख्य अंश:
क्या निवेशकों को फिलहाल आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप का आनंद उठाना चाहिए, क्योंकि बाजार अगले कुछ सप्ताहों के दौरान सुस्त बने रहेंगे?
भारत ने औसत तौर पर दीर्घावधियों के दौरान मिड-टीन रेंज यानी 18 प्रतिशत से कम का प्रतिफल दिया है। पिछले 5, 10, 20 और 25 साल में भारतीय बाजार ने अमेरिकी डॉलर संदर्भ में अमेरिका, यूरोप, एशिया, उभरते बाजारों और चीन को मात दी। आप अब क्रिकेट का आनंद उठा सकते हैं, लेकिन मैचों के अभाव में, इक्विटी में निवेश याद रखें- चाहे यह प्रत्यक्ष रूप से हो या अच्छे एमएफ के माध्यम से।
परिसंपत्ति वर्ग के तौर पर इक्विटी में फंडों के प्रवाह पर आपका क्या नजरिया है?
सामान्य तौर पर, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पिछले 25-20 साल के दौरान शुद्ध खरीदार रहे हैं, चार कैलेंडर वर्षों – 2008, 2011, 2018 और 2022 को छोड़कर। हमारा मानना है कि एफआईआई भारत में पैसा लगाना बरकरार रखेंगे और यह ताजा औसत के पार पहुंच जाएगा, क्योंकि भारत के मजबूत आर्थिक प्रदर्शन तथा चीन के सुस्त प्रतिफल और नीतियों से निवेशकों में बढ़ रही चिंता से भारत में निवेश प्रवाह बढ़ेगा।
वित्तीय बाजारों और म्युचुअल फंडों में भारतीय लोगों का भरोसा मजबूत बना हुआ है। इसके परिणामस्वरूप हमारा मानना है कि आगामी तिमाहियों और वर्षों में, एफआईआई और घरेलू संस्थागत निवेशक, दोनों इक्विटी में शानदार खरीदारी दिलचस्पी दिखाएंगे।
विदेशी निवेशक भारत के नीतिगत परिदृश्य को किस नजरिये से देखते हैं?
गेमिंग कंपनियों को भेजे गए पूर्व-प्रभावी कर नोटिस से बाजार धारणा प्रभावित नहीं हुई है, क्योंकि सिर्फ एक गेमिंग कंपनी ही सूचीबद्ध है। हालांकि यह समस्या निजी इक्विटी निवेशकों में चिंता बढ़ा सकती है।
आगामी चुनावी सीजन के लिए बाजार की तैयारी का स्तर क्या है?
विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के लिए परिणाम में संभावित अंतर के साथ राज्य और केंद्र चुनाव के लिए बाजार प्रतिक्रिया अलग अलग हो सकती है। भले ही भाजपा को कुछ खास राज्य चुनावों में नुकसान पहुंचे, लेकिन बाजार धारणा पर प्रभाव बहुत ज्यादा नहीं हो सकता है। निवेशक इससे अवगत हैं कि मतदाता खास पसंद रखते हैं और केंद्र और राज्य चुनावों में विभिन्न मुद्दों को ध्यान में रखते हैं।
हीलियस एमएफ व्यवसाय शुरू करने की तैयारी कर रही है। क्या आप इस बारे में ज्यादा जानकारी दे सकते हैं?
हीलियस एमएफ 23 अक्टूबर को हीलियस फ्लेक्सी कैप फंड पेश कर रहा है और नई फंड पेशकश 6 नवंबर को बंद होने की संभावना है। हेलियोस कैपिटल में हमने ‘एलिमिनेशन इन्वेस्टिंग’ नाम से नई निवेश रणनीति तैयार की है। इसमें प्राथमिकता दी जाती है कि शुरू में क्या नहीं खरीदा जाए। यह रणनीति उन शेयरों पर ध्यान देती है जिन्हें हमारे मानकों के आधार पर अलग नहीं किया जा सकता।
एम्फी के अनुसार, 50 प्रतिशत निवेशक एक साल के अंदर अपना एमएफ निवेश भुना लेते हैं। क्या यह चलन दीर्घावधि निवेश में गिरावट का संकेत है?
दीर्घावधि में इक्विटी से बेहतर कोई निवेश नहीं है। ऐतिहासिक तौर पर इक्विटी ने डेट, सोने, प्रॉपर्टी और अन्य परिसंपत्तियों के मुकाबले शानदार प्रदर्शन किया है।