गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी एलआईसी हाउसिंग फाइनैंस के एमडी और सीईओ त्रिभुवन अधिकारी ने गैर निष्पादित संपत्ति में कमी लाने की रणनीति पर मनोजित साहा से बातचीत की। प्रमुख अंश…
रिजर्व बैंक ने हाल में एनबीएफसी को बैंकों पर निर्भरता घटाने को कहा है। बैंकों से आपने कितना फंड लिया है?
जहां तक एलआईसी एचएफ की बात है, सिर्फ 32 प्रतिशत उधारी बैंकों से है। हम धन जमा कराने वाले एनबीएफसी हैं। हमारा करीब 52-53 प्रतिशत धन गैर परिवर्तनीय डिबेंचर से आया है।
आपके कर्ज देने की रफ्तार आवास ऋण और परियोजनाओं के लिए ऋण दोनों में ही घटी है, इसकी क्या वजह है?
इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 2 वजहों से कर्ज कम जारी किया गया है। एलआईसी एचएफ बड़ा संगठनात्मक पुनर्गठन कर रही है। हमने अपने ढांचे को 4 टियर से 5 टियर किया है। इस साल हमने एक नया टियर क्लस्टर ऑफिस पेश किया है, जो बैक ऑफिस और एरिया ऑफिस के बीच है। हमने 50 नए एरिया ऑफिस भी खोले हैं। पुनर्गठन के कारण बड़ी संख्या में मानव संसाधन में फेरबदल हुआ। अगर लोग एक जगह से दूसरी जगह भेजे जाते हैं तो वहां व्यवस्थित होने में वक्त लगता है। हम व्यापक तकनीकी उन्नयन भी कर रहे हैं। इसकी वजह से कुछ समस्या आई। उम्मीद कर रहे हैं कि दूसरी तिमाही से कोई व्यवधान नहीं होगा।
चालू वित्त वर्ष में कर्ज देने को लेकर क्या अनुमान है?
हमारे दिशानिर्देश में 12-15 प्रतिशत वृद्धि है और हम इस पर कायम हैं।
आपका एनपीए बढ़ा हुआ है, इसे कम करने के लिए क्या कदम उठा रहे हैं?
30 जून को हमारा सकल एनपीए अनुपात 4.98 प्रतिशत था। जैसा मैंने कहा कि नई तकनीकी प्लेटफॉर्म तैयार हो रहा है, जिसकी वजह से कुछ व्यवधान आया। अब सब कुछ दुरुस्त हो गया है। हम सकल एनपीए के आंकड़े से चिंतित हैं और 4.98 प्रतिशत स्वीकार्य स्तर नहीं है। आदर्श रूप में यह 2.7 प्रतिशत या 3 प्रतिशत होना चाहिए।
यह सही है कि हम एकमुश्त समाधान को लेकर आक्रामक नहीं हैं। हमने एआरसी को बिक्री की संभावना भी नहीं तलाशी। अब हम एकमुश्त समाधान पर ध्यान दे हे हैं। एनपीए के लिए विशेष वसूली अभियान भी चला रहे हैं। तीसरी तिमाही तक हम 3 प्रतिशत के करीब होंगे।