बाइक-टैक्सी सेवा देने वाली कंपनी रैपिडो (Rapido) ने आज देश के कैब बाजार में उतरने की घोषणा की और सॉफ्टवेयर एज अ सर्विस (सास) पर चलने वाला अपना प्लेटफॉर्म रैपिडो कैब्स पेश किया। इसके साथ ही वह तगड़ी होड़ वाले कैब एग्रीगेटर बाजार में उतरने की तैयारी कर रही है, जिसमें उबर, ओला, ब्लूस्मार्ट और इनड्राइव का सिक्का पहले ही जमा है।
2015 में शुरू हुई रैपिडो ग्राहकों को बाइक टैक्सी और ऑटो (तिपहिया) सेवा पहले ही दे रही है। अब वह अपने ड्राइवरों के लिए शून्य कमीशन मॉडल के जरिये टैक्सी बाजार में उतर रही है। रैपिडो कैब्स प्लेटफॉर्म हर फेरे पर कमीशन नहीं लेगा बल्कि उसके ड्राइवर सबस्क्रिप्शन मॉडल पर काम करेंगे। उबर और ओला जैसी इस बाजार की स्थापित कंपनियां ड्राइवरों से हर फेरे पर तयशुदा कमीशन लेती हैं। मगर रैपिडो प्लेटफॉर्म पर जब ड्राइवर की कमाई 10,000 रुपये महीने से ज्यादा हो जाएगी तब उसे 500 रुपये का सबस्क्रिप्शन शुल्क देना होगा।
रैपिडो के सह-संस्थापक पवन गुंटूपल्ली ने कहा, ‘सास पर चलने वाला हमारा अनूठा प्लेटफॉर्म ड्राइवरों के लिए कमीशन वाली पुरानी व्यवस्था में क्रांति ला देगा। इसमें ड्राइवरों को न्यूनतम सॉफ्टवेयर उपयोग शुल्क ही देना होगा, जो उद्योग में बड़ा बदलाव होगा।’
रैपिडो ने अपने बेड़े में 1 लाख से अधिक कार जोड़ ली हैं, जिनमें से करीब 50 फीसदी कार दिल्ली-एनसीआर में हैं। रैपिडो फिलहाल देश के 100 शहरों में अपनी सेवाएं दे रही है, लेकिन उसकी कैब सेवा शुरू में केवल बेंगलूरु, हैदराबाद और दिल्ली-एनसीआर में ही मिलेगी।
कंपनी ने अगले चरण में अपने कारोबार का विस्तार छोटे एवं मझोले शहरों तक करने की योजना बनाई है।
कंपनी अपने साथ करीब 5,00,000 ड्राइवर पार्टनर होने और हर महीने 5.5 करोड़ फेरे उपलब्ध कराने का दावा करती है। इसके अलावा वह न्यूनतम किराये की गारंटी के साथ ग्राहक जोड़ने की भी कोशिश कर रही है। सवारी की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कंपनी ने अपने ऐप पर एसओएस, लोकेशन साझा करने और आपातकालीन बटन जैसी सुविधाएं दी हैं।
अगर ड्राइवर निर्धारित मार्ग से भटक जाता है, रुक जाता है अथवा सवारी को बुकिंग वाली जगह के बजाय कहीं और उतारता है तो उसकी सूचना भेजने के लिए ऐप को भी बेहतर बनाया गया है। कंपनी भविष्य में चेहरा पहचानने की सुविधा भी तैयार कर रही है।
रैपिडो अपने ड्राइवर पार्टनर को कैप्टन कहती है। उसके कैप्टनों को सवारी के प्रति संवेदनशील बनाने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम से भी गुजरना होगा।
कंपनी अपने बेड़े में इलेक्ट्रिक वाहन भी शामिल करने लगी है। डेटा प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन के अनुसार रैपिडो ने अब तक करीब 2,600 करोड़ रुपये जुटाए हैं और उसका मूल्यांकन करीब 6,750 करोड़ रुपये है। उसके प्रमुख निवेशकों में टीवीएस, स्विगी, नेक्सस वेंचर पार्टनर्स और वेस्टब्रिज कैपिटल शामिल हैं। वित्त वर्ष 2022 में रैपिडो की आय बढ़कर 145 करोड़ रुपये हो गई मगर इस दौरान उसका घाटा भी 166 करोड़ रुपये से बढ़कर 439 करोड़ रुपये हो गया।