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बाजार में मौजूदा तेजी का लाभ उठाने की कवायद, पीई कंपनियों का बिकवाली पर जोर

बैंकरों का कहना है कि मौजूदा सौदों में तेजी आने से सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध घरेलू कंपनियों में पीई निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

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सुन्दर सेतुरामन   
समी मोडक   
Last Updated- December 06, 2023 | 10:08 PM IST

वैश्विक निजी इक्विटी (PE) कंपनियां बाजार में तेजी का लाभ उठाने के लिए घरेलू फर्मों में बड़ी हिस्सेदारी बेचकर नकदी जुटा रही हैं। बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा जुटाए गए आंकड़ों से पता चलता है कि मजबूत घरेलू नकदी समर्थन और बाजार में तेजी के रुझान ने एक दर्जन से ज्यादा पीई कंपनियों को 2.5 अरब डॉलर की बिकवाली करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस आंकड़े में पहली शेयर बिक्री के दौरान पीई की निकासी और सॉफ्टबैंक तथा एंट ग्रुप जैसे बड़े निवेशकों से शेयर बिक्री भी शामिल है।

इस सप्ताह के शुरू में, वारबर्ग पिनकस की सहायक कंपनी ग्रेट टेरेन इन्वेस्टमेंट ने म्युचुअल फंड ट्रांसफर एजेंसी कम्प्यूटर एज मैनेजमेंट सर्विसेज (कैम्स) में अपनी पूरी 19.87 प्रतिशत हिस्सेदारी 2,700 करोड़ रुपये में बेची थी।

अमेरिका की पीई कंपनी (कैम्स की प्रवर्तक के तौर पर अधिकृत) ने अपने निवेश पर 4 गुना से ज्यादा मुनाफा कमाया। हाल के महीनों में पीई द्वारा निवेश से निकलने के अन्य प्रमुख मामलों में बैरिंग प्राइवेट इक्विटी एशिया और एवरस्टोन कैपिटल की हिस्सेदारी बिक्री भी शामिल है।

बैरिंग प्राइवेट इक्विटी एशिया ने कोफोर्ज में 26.6 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची, वहीं रेस्टोरेंट ब्रांड एशिया (पूर्व में ‘बर्गर किंग इंडिया’ नाम से चर्चित) में एवरस्टोन कैपिटल ने 25.4 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची।

खास बात यह है कि इस साल पीई कंपनियां एक ही बार में अपनी बड़ी हिस्सेदारी घटाने में सक्षम रही हैं, जबकि पहले उन्हें इसके लिए कई चरणों और महीनों तक योजना बनानी पड़ती थी।

बेहद महत्वपूर्ण यह है कि पीई बिकवाली सेकंडरी बाजार में शेयर कीमतों पर दबाव डाले गैर सफल हुई है। बैंकरों का कहना है कि अक्सर बिक्री करने वाली कंपनी की शेयर कीमतें मंजूरी के बाद चढ़ जाती हैं, क्योंकि शेयर बिक्री की राह आसान होने से धारणा मजबूत होती है।

उद्योग के कारोबारियों का कहना है कि इस साल पीई द्वारा आसान बिकवाली मजबूत तरलता और भारत के 4 लाख करोड़ डॉलर के इक्विटी बाजार की ताकत का स्पष्ट संकेत है।

आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के कार्यकारी निदेशक अजय सराफ ने कहा, ‘बाजार मजबूत हो रहा है और पीई की आपूर्ति को खपाए जाने की गुंजाइश मजबूत है। बाजार समझते हैं कि निजी इक्विटी निवेशक जो 5 या 6 छह वर्षों से हिस्सेदारी रख रहे हैं, उन्हें बाहर निकलने की ज़रूरत है। इससे पीई कंपनियों को घरेलू शेयरों में ज्यादा पैसा लगाने का भरोसा बढ़ता है, क्योंकि उनके सामने निवेश से निकलने के ज्यादा विकल्प मौजूद हैं।’

पीई द्वारा बिकवाली पर जोर ऐसे समय में दिया जा रहा है जब घरेलू बाजार तेजी के दौर से गुजर रहा है। निफ्टी स्मॉलकैप-100 सूचकांक इस कैलेंडर वर्ष अब तक 50 प्रतिशत चढ़ा है, जबकि निफ्टी मिडकैप-100 सूचकांक में 40 प्रतिशत से ज्यादा की तेजी आई है।

ज्यादा सौदे दर्ज करने वाली स्मौलकैप और मिडकैप कंपनियों ने निफ्टी के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन किया है। निफ्टी में इस साल करीब 15 प्रतिशत तक की तेजी आई है।

बैंकरों का कहना है कि मौजूदा सौदों में तेजी आने से सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध घरेलू कंपनियों में पीई निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

First Published : December 6, 2023 | 10:00 PM IST