सॉफ्ट बैंक द्वारा समर्थित ओला इलेक्ट्रिक इस साल एक अरब डॉलर का राजस्व अर्जित कर सकती है। ओला के मुख्य कारोबार अधिकारी अंकुश अग्रवाल ने यह उम्मीद जताई है। बेंगलूरु स्थित इस फर्म को छोटे नगरों, टियर-2 और टियर-3 शहरों तथा कस्बों सहित पूरे देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की भारी मांग नजर आ रही है।
अग्रवाल ने कहा कि हम उस आंकड़े तक पहुंचने की राह पर हैं। हमने लगातार विकास किया है, न केवल हमारी बाजार हिस्सेदारी, बल्कि हमारा राजस्व भी बढ़ा है।
यह फर्म इलेक्ट्रिक दोपहिया खंड में अग्रणी है और मई में 35,000 से अधिक वाहन बेच चुकी है। मई में अपनी अब तक की सर्वाधिक मासिक बिक्री की बदौलत ओला ने 30 प्रतिशत से अधिक की बाजार हिस्सेदारी हासिल कर ली है और पिछले महीने सालाना आधार पर 300 प्रतिशत की वृद्धि तक पहुंच गई है।
सरकार ने हाल ही में देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण को तेजी से अपनाने के दूसरे चरण (फेम-2) योजना के तहत इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों पर सब्सिडी कम कर दी है। इसने ओला इलेक्ट्रिक, एथर एनर्जी, ओकाया ईवी, एम्पीयर ईवी, टीवीएस मोटर कंपनी और मैटर एनर्जी जैसी कंपनियों को अपने वाहनों के दाम बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है।
ओला ने कहा कि उसने जून से वाहनों के दामों में मामूली इजाफा किया है। ओला इलेक्ट्रिक ने अपनी एस1 श्रृंखला के दामों में 15,000 रुपये की बढ़ोतरी की है। संशोधित सब्सिडी लागू होने से ओला एस1 प्रो इलेक्ट्रिक वाहन की कीमत अब 1,39,999, एस1 (3 किलोवॉट प्रति घंटा) की कीमत 1,29,999 और एस1 एयर (3 किलोवॉट प्रति घंटा) की कीमत 1,09,999 रुपये हो गई है।
यह पूछे जाने पर कि क्या सब्सिडी कम करने से इस खंड में कंपनी पर कोई असर पड़ेगा, अग्रवाल ने कहा कि इंजीनियरिंग और नवाचार पर ओला के ध्यान केंद्रित करने से ब्रांड मूल्य का प्रभाव कम करने में सक्षम हो गया है।
उन्होंने कहा कि हम लंबे समय से सब्सिडी में संभावित कमी की तैयारी कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमें इस बात का विश्वास है कि बाजार में जो उतार-चढ़ाव हम देख रहे हैं, वह सब्सिडी कम होने के बावजूद जारी रहेगा। ओला इलेक्ट्रिक ने हाल ही में कहा था कि वह इलेक्ट्रिक स्कूटर के पात्र खरीदारों को चार्जर की कीमत लौटा देगी। अग्रवाल ने कहा कि फर्म जुलाई में एस1 एयर की डिलिवरी शुरू करने की भी तैयारी कर रही है।