दैनिक उपभोक्ता वस्तु (FMCG) क्षेत्र की दिग्गज नेस्ले इंडिया (Nestle India) देश में वनस्पति-आधारित प्रोटीन उत्पाद पेश करने की दिशा में बढ़ रही है।
नेस्ले इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक सुरेश नारायणन ने बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी द्वारा आयोजित तीसरे वार्षिक प्रीतम सिंह मेमोरियल सम्मेलन से इतर बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि कंपनी आने वाली कुछ तिमाहियों में इन उत्पादों को पेश करेगी।
उन्होंने कहा ‘मैं पूरा मुर्गा या मछली नही, बल्कि भारतीय बाजार के लिए अधिक प्रासंगिक उत्पाद पेश करने पर विचार कर रहा हूं।’ हालांकि उन्होंने ज्यादा जानकारी नहीं दी।
अमेरिका, लैटिन अमेरिका, चीन, दक्षिण पूर्व एशिया और यूरोप सहित वैश्विक बाजारों में यह स्विस कंपनी ट्यूना मछली के वनस्पति-आधारित विकल्प – सेंसेशनल वूना, समुद्री शैवाल से निर्मित वनस्पति-आधारित झींगा – वृम्प तथा मुर्गे और अंडों के वनस्पति-आधारित विकल्पों आदि की बिक्री करती है।
भारत में बाजार हिस्सेदारी के लिए कंपनी अन्य एफएमसीजी कंपनियों जैसे आईटीसी फूड्स और टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के साथ-साथ विराट कोहली द्वारा समर्थित ब्लू ट्राइब और इमेजिन मीट्स जैसी कई स्टार्टअप कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करेगी।
नारायणन ने इस कार्यक्रम की शुरुआत में एक संवाददाता सम्मेलन में स्थिरता के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि हम अगले साल की पहली तिमाही से अपने विशाल कारखाने में भाप निर्मित करने को ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए चावल के खेतों की पराली का उपयोग शुरू करने की योजना बना रहे हैं।
इससे मोगा जिले में पराली दहन में चार से पांच प्रतिशत तक कमी लाने में मदद मिलेगी और उम्मीद है कि इससे दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर सकारात्मक असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अगले साल तक हम कोयला मुक्त हो जाएंगे और योथोचित समय में भट्ठी-तेल से भी मुक्त हो जाएंगे।