असुरक्षित कर्ज (Unsecured Loans) पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के ताजा आदेश का अल्पावधि में बैंकिंग क्षेत्र की वृद्धि पर असर पड़ना तय है। विश्लेषकों ने यह चेतावनी देते हुए कहा है कि आक्रामक खुदरा उधारी पर बैंक अपनी रफ्तार धीमी रख रहे हैं।
इसके अलावा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) के लिए फंड की लागत बढ़ने की आशंका है क्योंकि बैंक पूंजी की लागत पर पड़ा ज्यादा भार एनबीएफसी के ऊपर डाल देंगे।
एमके ग्लोबल फाइनैंशियल सर्विसेज ने कहा, हमारा मानना है कि आरबीआई के कदमों का असर मुख्य रूप से वृद्धि पर पड़ेगा क्योंकि इसके लिए असुरक्षित खुदरा कर्ज और एनबीएफसी को उधारी पर निर्भरता बढ़ रही है। हमारा विश्लेषण बताता है कि वित्त वर्ष 24-26 के दौरान वृद्धि में 100 आधार अंकों की कमी परिसंपत्ति पर रिटर्न (आरओए)/इक्विटी पर रिटर्न (आरओई) पर 3 से 10 आधार अंक/20 से 100 आधार अंकों का असर डाल सकता है।
गुरुवार को आरबीआई ने असुरक्षित कर्ज मसलन पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड से कर्ज पर जोखिम भारांक 100 फीसदी से बढ़ाकर 125 फीसदी कर दिया। ज्यादा रेटिंग वाली एनबीएफसी को बैंक कर्ज का जोखिम भारांक भी 25 फीसदी बढ़ा दिया गया है।
नए नियम तत्काल प्रभाव से लागू हो गए हैं और यह नए कर्ज के साथ-साथ बकाया कर्ज पर भी लागू होंगे। जोखिम भारांक में बढ़ोतरी का मतलब यह होगा कि बैंकों को ऐसे कर्ज देने के लिए ज्यादा पूंजी अलग रखनी होगी और इसके बदले लेनदार ऐसे कर्ज पर उधारी की दरें बढ़ा सकता है। विश्लेषकों ने ये बातें कही।
एक्सचेंजों पर आरबीएल का शेयर 7.7 फीसदी टूट गया जबकि एसबीआई कार्ड्स ऐंड पेमेंट सर्विसेज के शेयर में 5 फीसदी की गिरावट आई। इस बीच, एबी कैपिटल मनी 5.6 फीसदी फिसल गया, उज्जीवन फाइनैंशियल सर्विसेज में 4.8 फीसदी, एलऐंडटी फाइनैंस होल्डिंग्स में 5.7 फीसदी, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में 3.5 फीसदी, आईडीबीआई बैंक में 4.3 फीसदी, ऐक्सिस बैंक में 3.2 फीसदी, आईसीआईसीआई बैंक में 1.6 फीसदी, बजाज फाइनैंस में 1.9 फीसदी और भारतीय स्टेट बैंक में 3.7 फीसदी की गिरावट आई।
निफ्टी पीएसयू बैंक इंडेक्स 2.4 फीसदी गिरकर बंद हुआ जबकि निफ्टी बैंक और प्राइवेट बैंक इंडाइसेज 1.3-1.3 फीसदी टूटा। निफ्टी 50 इंडेक्स में 0.17 फीसदी की गिरावट आई।
किस पर सबसे ज्यादा चोट?
मार्च 2020 से सितंबर 2023 के बीच असुरक्षित कर्ज में 18.1 फीसदी सालाना चक्रवृद्धि के हिसाब से वृद्धि हुई है, वहीं एनबीएफसी को कर्ज 12 फीसदी सालाना चक्रवृद्धि की रफ्तार से बढ़ा है। इस साल अब तक के हिसाब से असुरक्षित खुदरा कर्ज विभिन्न लेनदारों के यहां 20 से 60 फीसदी तक बढ़ा है।
इसके अलावा एनबीएफसी को बैंक उधारी भी वित्त वर्ष 20 से अच्छी खासी बढ़ी है और कुल उधारी में बैंक की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 23 में बढ़कर 36 फीसदी पर पहुंच गई, जो वित्त वर्ष 20 में 30.6 फीसदी थी।
नए दिशानिर्देश आने के साथ विश्लेषकों का मानना है कि अपेक्षाकृत कम पूंजी या ज्यादा असुरक्षित कर्ज/एनबीएफसी को कर्ज देने वाले लेनदारों पर ज्यादा असर पड़ेगा।
इस बीच, सिटी के विश्लेषकों ने कहा कि आरबीएल बैंक के कॉमन इक्विटी टियर-1 में 75 आधार अंकों का क्षरण होगा, एचडीएफसी बैंक के लिए 50 आधारअंक, कोटक महिंद्रा बैंक, एयू स्मॉल फाइनैंस बैक, ऐक्सिस और आईसीआईसीआई बैंक के लिए के लिए 30-42 आधार अंक और इंडसइंड बैंक और फेडरल बैंक के लिए यह असर 20 आधार अंक तक का होगा।
एमके ग्लोबल का अनुमान है कि आईडीएफसी फर्स्ट बैंक को 77 आधार अंक, सिटी यूनियन बैंक को 32, केनरा बैंक-एसबीआई को 82, बैंक ऑफ बड़ौदा को 55, इंडसइंड बैंक को 59 और उज्जीवन एसएफबी को 127 आधार अंकों का झटका लगेगा।