आज का अखबार

बाजार में बड़ी तेजी के बीच PSU शेयरों से बाहर निकलने का है वक्त!

एसऐंडपी बीएसई पीएसयू इंडेक्स इस अवधि में करीब 51 फीसदी उछला है जबकि एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स में इस दौरान 17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

Published by
पुनीत वाधवा   
Last Updated- December 13, 2023 | 10:35 PM IST

विधानसभा और लोकसभा चुनाव को देखते हुए ज्यादा पूंजीगत खर्च की उम्मीद वित्त वर्ष 2023-24 में अब तक सार्वजनिक उपक्रम (पीएसई) के शेयरों के लिए वरदान साबित हुआ है। एसऐंडपी बीएसई पीएसयू इंडेक्स इस अवधि में करीब 51 फीसदी उछला है जबकि एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स में इस दौरान 17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। ऐस इक्विटी के आंकड़ों से यह जानकारी मिली।

इक्विनॉमिक्स रिसर्च के प्रबंध निदेशक जी. चोकालिंगम ने कहा, ऐसे पीएसयू शेयरों में बड़ी संख्या स्मॉलकैप की है, जिनमें पिछले कुछ महीनों में खासी तेजी देखने को मिली है। उन्होंने कहा, इस तेजी ने कई मामलों में मूल्यांकन महंगा बना दिया है और उनका सुझाव है कि निवेशकों को यह ध्यान रखते हुए मुनाफावसूली करनी चाहिए।

चोकालिंगम ने कहा, उद्योग का डायनामिक्स भी कुछ मामलों में काम कर रहा है, मसलन तेल जहां कच्चे तेल की कीमतों में उतारचढ़ाव ने शेयरों को ऊपर पहुंचाया। हम हालांकि एक ही ब्रश से पूरे पीएसयू क्षेत्र को नहीं रंग सकते, ऐसे में उन शेयरों में मुनाफावसूली की सलाह है जहां कीमतें तेजी से बढ़ी हैं। और भी पीएसयू शेयर सामने आ सकते हैं, अगर सरकार चुनिंदा मामलों में रणनीतिक बिक्री का फैसला लेती है।

इस बीच, एक्सचेंजों पर आरईसी, आईटीआई, पावर फाइनैंस कॉरपोरेशन, मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स और इंडियन रेलवे फाइनैंस कॉरपोरेशन (आईआरएफसी) के शेयर वित्त वर्ष 24 में अब तक 255 फीसदी तक चढ़े हैं।

आईडीबीआई कैपिटल के शोध प्रमुख ए के प्रभाकर भी चयनात्मक बने हुए हैं और उनका सुझाव है कि निवेशकों को बिजली क्षेत्र के शेयरों मसलन आरईसी और पीएफसी से निकल जाना चाहिए क्योंकि इनमें काफी तेजी आ चुकी है और मूल्यांकन महंगा है।

पूंजीगत खर्च

जेफरीज के नोट में कहा गया है, वित्त वर्ष 24 के बजट अनुमान में सरकार ने पूंजीगत खर्च में सालाना आधार पर 36 फीसदी की वृद्धि की बात कही थी। इस साल अब तक खर्च की रफ्तार में सालाना आधार पर 34 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और सड़क व रेलवे का पूंजीगत खर्च सालाना आधार पर 32 फीसदी बढ़ा है।

केंद्र सरकार के अप्रैल-अक्टूबर 2023 के आंकड़े बताते हैं कि कर संग्रह में 4 फीसदी की वृद्धि हुई है जबकि बजट में यह सालाना आधार पर 14 फीसदी की बढ़त के साथ 18.3 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचने का अनुमान जताया गया है। प्रत्यक्ष कर का मजबूत प्रदर्शन (इस साल अब तक 24 फीसदी की बढ़त) राजस्व को आगे ले जाने वाला रहा है क्योंकि कंपनियों की आय और वेतन में वृद्धि दो अंकों में टिकी हुई है। विश्लेषकों ने ये बातें कहीं।

जेफरीज के हालिया नोट के मुताबिक, कर राजस्व की रफ्तार स्थिर मानते हुए सरकार के पास वित्त वर्ष की बाकी अवधि में करीब 0.6 से 0.8 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करने की गुंजाइश है।जेफरीज के प्रबंध निदेशक अभिनव सिन्हा ने निशांत पोद्दार के साथ लिखे नोट में कहा है, आम चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में बुनियादी ढांचे वाली परियोजनाएं पूरा करने पर जोर दिया जाएगा, जो साल की बाकी अवधि में खर्च की रफ्तार को आगे ले जाने में मदद करेगा।

लंबी अवधि के लिए

अल्पावधि के मूल्यांकन संबंधी चिंता के बावजूद विश्लेषक आने वाले समय में पीएसयू शेयरों को लेकर तेजी का रुख बनाए हुए हैं और उनका सुझाव है कि अगर उनकी आय अगले कुछ वर्षों में सुधार की राह पर बनी रहती है तो उनमें से कुछ उम्दा प्रदर्शन वाले बन सकते हैं।

First Published : December 13, 2023 | 10:28 PM IST