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IPEF supply-chain pact: आईपीईएफ के लिए घरेलू कानून नहीं बदलेगा भारत

सरकारी अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि कि आईपीईएफ समझौते को लेकर ऐसा कोई ‘कठोर बाध्यकारी दबाव’ नहीं है।

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श्रेया जय   
Last Updated- November 21, 2023 | 10:00 PM IST

अमेरिका द्वारा संचालित इंडो पैसिफिक इकनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रास्पैरिटी (IPEF) के तहत हाल में हुए आपूर्ति श्रृंखला के समझौते के लिए भारत को अपने आंतरिक कानून में कोई बदलाव नहीं करना पड़ेगा। सरकारी अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि कि आईपीईएफ समझौते को लेकर ऐसा कोई ‘कठोर बाध्यकारी दबाव’ नहीं है।

इसमें भारत को अपनी घरेलू जरूरतों के मुताबिक फैसला लेने के लिए जरूरी नीतिगत संभावना होगी। साथ ही इससे भारत द्वारा घरेलू खाद्य सुरक्षा से जुड़े कृषि उत्पादों सहित निर्यात पर प्रतिबंध लगाने और किसी वस्तु पर सीमा शुल्क में बदलाव करने के अधिकार पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा।

आईपीईएफ के आपूर्ति श्रृंखला समझौते पर सभी 14 देशों ने बहुपक्षीय आर्थिक सहयोग व्यवस्था के तबत पिछले सप्ताह सैन फ्रांसिस्को में हस्ताक्षर किए। साथ ही स्वच्छ एवं निष्पक्ष अर्थव्यवस्था समझौते के लिए बातचीत के उल्लेखनीय निष्कर्षों की भी घोषणा की गई।

वाणिज्य विभाग में अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा, ‘आपूर्ति श्रृंखला समझौते के तहत ऐसा कुछ भी नहीं है कि शुल्क बदलने या निर्यात नीति बदलने के हमारे अधिकार में कोई बदलाव हुआ हो। खाद्य सुरक्षा या किसी अन्य जरूरत के लिए जरूरत पड़ने पर कोई भी नीतिगत फैसला लिया जा सकता है। हमारे लिए नीतिगत जगह बनी हुई है।’

उन्होंने कहा कि अगर भारत सीमा शुल्क में कोई बदलाव करता है तो इसके लिए आईपीईएफ के सदस्य देशों को कोई पूर्व सूचना मुहैया कराने की कोई जरूरत नहीं होगी।

अग्रवाल ने आगे कहा कि हालांकि देशों द्वारा अनावश्यक रूप से निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का उल्लेख किया गया था, और यह चेतावनी जैसा ही है जैसा कि विश्व व्यापार संगठन (WTO) में प्रावधान है और यह उससे अलग नहीं है।

First Published : November 21, 2023 | 9:45 PM IST