स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में हल्की फुल्की दिलचस्पी रखने की क्षमता के बावजूद फ्लेक्सिकैप फंडों का एक साल का रिटर्न मल्टीकैप के मुकाबले मद्धिम रहा है। मल्टीकैप योजनाएं लार्ज, मिड व स्मॉलकैप शेयरों पर दांव लगाती है, लेकिन उसे इनमें कम से कम 25 फीसदी निवेश का आवंटन करना होता है।
फ्लेक्सिकैप फंडों के एक साल के रिटर्न की तुलना ऐक्टिव लार्जकैप फंडों से करने पर पता चलता है कि इन फंडों ने सिर्फ 4 फीसदी ज्यादा रिटर्न दिया है। 10 जनवरी तक फ्लेक्सिकैप योजनाओं ने 31 फीसदी रिटर्न दिया जबकि लार्जकैप फंडों का रिटर्न 27 फीसदी रहा। इसकी तुलना में मल्टीकैप श्रेणी में एक साल का रिटर्न 37 फीसदी रहा। मिडकैप व स्मॉलैकप फंडों का एक साल औसत रिटर्न क्रमश: 43 फीसदी व 48 फीसदी रहा, जो उनसे क्रमश: 16 फीसदी व 21 फीसदी ज्यादा है।
विशेषज्ञों ने कहा कि ये रिटर्न उम्मीद के मुताबिक हैं। यह मानते हुए कि ज्यादातर फ्लेक्सिकैप फंड मैनेजर सतत रूप से लार्जकैप में 60 फीसदी आवंटन बरकरार रखते हैं। उनका कहना है कि फ्लेक्सिकैप फंडों का रिटर्न लार्जकैप फंडों का प्रतिबिंब होता है, जो खुद अपने कोष का करीब 20 फीसदी मिडकैप व स्मॉलकैप शेयरों में लगाते हैं।
प्लान अहेड वेल्थ एडवाइजर्स के संस्थापक व सीईओ विशाल धवन ने कहा कि फ्लेक्सिकैप फंड विभिन्न बाजार पूंजीकरण वाले शेयरों में किसी भी अनुपात में निवेश कर सकता है और ज्यादातर समय उनके कोष का अधिकांश हिस्सा लार्जकैप में लगा होता है। यह देखते हुए कि लार्जकैप फंडों को भी लार्जकैप से बाहर जाने आजादी होती है, लिहाजा आवंटन कुछ हद तक वैसा ही होता है।
एक साल की अवधि में निफ्टी-50 (टोटल रिटर्न इंडेक्स यानी टीआरआई) 22.5 फीसदी ऊपर पहुंचा है, वहीं निफ्टी मिडकैप 100 टीआरआई व निफ्टी स्मॉलकैप 100 टीआरआई क्रमश: 52 फीसदी व 62 फीसदी ऊपर गया है। निफ्टी 500 टीआरआई (जो ज्यादातर फ्लेक्सिकैप योजनाओं का बेंचमार्क है) 29 फीसदी ऊपर गया है। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
म्युचुअल फंडों के अधिकारियों ने कहा कि लार्जकैप में ज्यादा आवंटन फ्लेक्सिकैप फंडों के जोखिम से बचाव के लिए होता है। उनका कहना है कि फ्लेक्सिकैप फंडों को इक्विटी के क्षेत्र में अपेक्षाकृत कम जोखिम वाला माना जाता है। इसे जोखिम वाली सीढ़ी पर दूसरे पायदान पर रखा जाता है, जहां पहले लार्जकैप फंड हैं और उसके बाद लार्ज व मिडकैप फंड, मल्टीकैप फंड, थीमेटिक फंड आदि हैं।
कोटक एमएफ के सीआईओ (इक्विटी) हर्ष उपाध्याय ने कहा कि फ्लेक्सिकैप फंड इक्विटी के क्षेत्र में जोखिम वाली सीढ़ी पर संभल कर रहते हैं। यही वजह है कि इनका ज्यादातर आवंटन लार्जकैप में जाता है। लार्जकैप श्रेणी वह है जहां अलग-अलग बाजार पूंजीकरण वाल शेयरों में आनुपातिक तरीके से आवंटन होता है।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी के मुख्य निवेश रणनीतिकार चिंतन हरिया ने कहा कि फ्लेक्सिकैप योजनाएं इक्विटी के क्षेत्र में अपेक्षाकृत कम जोखिम वाली मानी जाती हैं। ऐसे में मिडकैप व स्मॉलकैप में ज्यादा आवंटन को लेकर उनका रुख लचीला होता है मगर झुकाव लार्जकैप की ओर होता है।
अधिकारियों के मुताबिक फंड मैनेजरों के पास मिडकैप व स्मॉलकैप में अपनी इच्छा के मुताबिक किसी भी अनुपात में निवेश में लचीला रुख होता है, लेकिन ज्यादा आवंटन मान्य जोखिम के उलट जाएगा।