facebookmetapixel
Editorial: फेडरल रिजर्व ने घटाई ब्याज दरें, ट्रंप के दबाव और वैश्विक बाजारों पर नजरप्राइवेंट बैंकों के मुकाबले सरकारी बैंकों का प्रदर्शन फिर बेहत, लेकिन चुनौतियां बरकरारअगर ‘इंडिया’ गठबंधन सत्ता में आया तो बढ़ेगी घुसपैठ: गृह मंत्री अमित शाहबिहार में ग्रेजुएट बेरोजगारों को 2 साल तर हर महीने मिलेंगे ₹1000, मुख्यमंत्री निश्चय भत्ता योजना का दायरा बढ़ानागराजू बोले: नैबफिड को शहरी स्थानीय निकायों को भी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए धन देना चाहिएभारत में दोगुने हुए करोड़पति परिवार, लग्जरी कार बाजार को मिलेगा दमराहुल गांधी का आरोप: कर्नाटक में कांग्रेस समर्थक मतदाताओं के नाम हटाने की कोशिश, चुनाव आयोग का इनकारPFRDA प्रमुख बोले: बॉन्ड बाजार लंबी अवधि और कम रेटिंग वाले कर्ज से कतराता है, इससे फंडिंग पर संकटट्रंप बोले: हम मोदी के बहुत करीब हैं लेकिन भारत पर रूस से तेल आयात के लिए 50% टैरिफ लगायाICAR के पूर्व महानिदेशक सहित कई शीर्ष वैज्ञानिकों ने PM मोदी से GM सरसों पर से प्रतिबंध हटाने की मांग की

वाणिज्यिक पत्रों व जमा प्रमाणपत्रों में सीबीडीसी की प्रायोगिक परियोजना संभव

1 नवंबर 2022 को भारत के केंद्रीय बैंक ने सरकारी बॉन्डों के निपटान के लिए सीबीडीसी के लिए थोक प्रायोगिक योजना शुरू की थी।

Last Updated- May 06, 2024 | 10:23 PM IST
The pace of adoption of digital currency is slow, lack of awareness is the reason

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को कहा कि रिजर्व बैंक वाणिज्यिक पत्रों (CP) और जमा प्रमाणपत्रों (सीडी) में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के होलसेल सेग्मेंट के लिए प्रायोगिक परियोजना शुरू कर सकता है।

दास ने कहा कि हालांकि यूपीआई के साथ इंटरऑपरेटिबिलिटी के माध्यम से सीबीडीसी के खुदरा लेनदेन की मात्रा बढ़कर 10 लाख प्रतिदिन पर पहुंच गई है, खुदरा यूजर्स लगातार यूपीआई को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सीबीडीसी के व्यापक आर्थिक असर, खासकर मौद्रिक नीति और बैंकिंग क्षेत्र पर असर को समझने के लिए लेनदेन की मात्रा और बढ़ाने की जरूरत है।

ऑफलाइन उपयोग और प्रोग्राम के योग्य होने की सुविधाओं की शुरूआत के साथ सीबीडीसी के लाभ अधिक स्पष्ट हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रायोगिक परियोजना का प्राथमिक मकसद बैंक जमा को लेकर ग्राहकों के व्यवहार को समझना है।

स्विटजरलैंड के बासेल में बीआईएस इनोवेशन समिट 2024 के दौरान दास ने कहा, ‘अब आगे चलकर सिक्योरिटी, सिक्योरिटी टोकनाइजेशन फीचर्स सहित वाणिज्यिक पत्र, जमा प्रमाण पत्र जैसे अन्य इंस्ट्रूमेंट को प्रायोगिक तौर पर आजमाए जाएंगे।’

1 नवंबर 2022 को भारत के केंद्रीय बैंक ने सरकारी बॉन्डों के निपटान के लिए सीबीडीसी के लिए थोक प्रायोगिक योजना शुरू की थी। एक महीने के बाद रिटेल सीबीडीसी की प्रायोगिक योजना शुरू हुई।

दास ने कहा, ‘हमने यूपीआई के साथ सीबीडीसी की इंटरऑपरेटेबिलिटी भी सक्षम की है। इसमें लेनदेन की संख्या 10 लाख प्रतिदिन के उच्च स्तर पर पहुंच गई है, लेकिन अभी भी हम देख रहे हैं कि खुदरा यूजर्स यूपीआई को तरजीह दे रहे हैं। निश्चित रूप से हम उम्मीद कर रहे हैं कि आगे चलकर इसमें बदलाव होगा।’

First Published - May 6, 2024 | 10:09 PM IST

संबंधित पोस्ट