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बैंकिंग व्यवस्था में नकदी एक बार फिर घाटे की स्थिति में गई

RBI ने रविवार को 67,576 करोड़ रुपये डाले हैं, उसके पहले शुक्रवार और शनिवार को क्रमशः 45,699 और 68,785 करोड़ रुपये डाले थे।

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अंजलि कुमारी   
Last Updated- September 18, 2023 | 11:59 PM IST

बैंकिंग व्यवस्था में नकदी एक बार फिर घाटे की स्थिति में चली गई है। डीलरों ने कहा कि कर भुगतान करने के कारण ऐसा हुआ है। यह स्थिति ऐसे समय में आई है, जब 23 सितंबर को रिजर्व बैंक आई-सीआरआर की दूसरी किस्त जारी करने वाला है।

भारतीय रिजर्व बैंक ने रविवार को 67,576 करोड़ रुपये डाले हैं, उसके पहले शुक्रवार और शनिवार को क्रमशः 45,699 और 68,785 करोड़ रुपये डाले थे।

प्राइमरी डीलरशिप के एक डीलर ने कहा, ‘वस्तु एवं सेवा कर के भुगतान में करीब 90,000 करोड़ रुपये से 1 लाख करोड़ रुपये तक बैंकिंग व्यवस्था से निकलने की संभावना है।’ उन्होंने कहा, ‘नकदी की कमी लंबे समय तक नहीं रहेगी क्योंकि सरकार का व्यय इस माह के अंतिम हिस्से में प्रस्तावित है। इसकी वजह से बैंकिंग में एक लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त नकदी आएगी।’

चालू वित्त वर्ष में पहली बार 21 अगस्त को बैंकिंग व्यवस्था में नकदी घाटे की स्थिति में आ गई थी। बढ़े नकद आरक्षित अनुपात (आई-सीआरआर) और वस्तु एवं सेवा कर के भुगतान की वजह से ऐसा हुआ।

रिजर्व बैंक ने 8 सितंबर को 7 अक्टूबर से चरणबद्ध तरीके से आई-सीआरआर वापस लेने का फैसला किया था। कुल आई-सीआरआर में से 25 प्रतिशत 29 सितंबर को जारी किया जाएगा, जबकि 23 सितंबर को 25 प्रतिशत जारी होगा। शेष 50 प्रतिशत राशि 7 अक्टूबर को जारी होगी।

बाजार के हिस्सेदारों का मानना है कि आई-सीआरआर की 25,000 करोड़ रुपये की दूसरी किस्त जारी किया जाना पर्याप्त नहीं होगा और रिजर्व बैंक और कदम उठा सकता है, जिससे अतिरिक्त नकदी की स्थिति फिर से बन सके।

First Published : September 18, 2023 | 11:08 PM IST