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स्मॉल-मिडकैप पर दबाव के आसार, महंगे मूल्यांकन को ध्यान में रखते हुए विश्लेषक सतर्क

ब्रोकर मार्च के निचले स्तरों से आई बड़ी तेजी के बाद स्मॉलकैप और मिडकैप के शेयरों को लेकर सतर्कता बरत रहे हैं।

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सुन्दर सेतुरामन   
Last Updated- October 09, 2023 | 9:44 PM IST

बढ़ते अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल, तेल कीमतों और भूराजनीतिक अनि​श्चितता जैसी चुनौतियों के बीच सोमवार को प्रमुख सूचकांकों में शामिल शेयरों में तेज उतार-चढ़ाव दर्ज किया गया। निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांक करीब 2 प्रतिशत गिर गया, जबकि निफ्टी मिडकैप 100 में 1.3 प्रतिशत की कमजोरी आई।

इन दोनों सूचकांकों ने निफ्टी की तुलना में ज्यादा गिरावट दर्ज की। निफ्टी में 0.72 प्रतिशत की गिरावट आई। स्मॉलकैप सूचकांक के लिए 12 सितंबर के बाद से यह सबसे बड़ी गिरावट थी। 12 सितंबर को इस सूचकांक में 4 प्रतिशत से ज्यादा की कमजोरी आई थी।

ब्रोकर मार्च के निचले स्तरों से आई बड़ी तेजी के बाद स्मॉलकैप और मिडकैप के शेयरों को लेकर सतर्कता बरत रहे हैं।
पिछले सप्ताह, सिटी ने मूल्यांकन दबाव को ध्यान में रखते हुए पसंदीदा मिडकैप शेयरों की सूची छोटी की थी। इनके बुनियादी आधार बदले हैं, लेकिन मूल्यांकन बड़े शेयरों के मुकाबले ऊपर हैं। ब्रोकरेज फर्म ने कहा है कि स्मॉलकैप और मिडकैप में अनुपातहीन निवेश प्रवाह ने मजबूत प्रदर्शन बरकरार रहने में योगदान दिया है।

सोमवार को कोटक इंस्टीट्यूशनल

इ​क्विटीज (केआईई) ने अपने ग्राहकों को स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों से लार्जकैप की ओर रुख करने की सलाह दी। केआईई ने कहा, ‘हम बाजार के अन्य सेगमेंटों की तुलना में प्रमुख लार्जकैप शेयरों में बेहतर निवेश अवसर और रिवार्ड-रिस्क संतुलन देख रहे हैं। हमें 2022-23 के कमजोर लार्जकैप का प्रदर्शन अगले 6-12 महीनों के दौरान सुधरने का अनुमान है। अन्य लार्जकैप और अच्छी गुणवत्ता के मिडकैप शेयर भी गिरावट दर्ज कर सकते हैं।’

पिछले 6 महीने में, निफ्टी स्मॉलकैप और निफ्टी मिडकैप में 37 और 31 प्रतिशत की तेजी आई। तुलनात्मक तौर पर निफ्टी-50 सूचकांक में 11 प्रतिशत तक की तेजी आई है।

ऐ​क्सिस सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘पिछले कुछ महीनों में मिडकैप और स्मॉलकैप के आकर्षण को ध्यान में रखते हुए हमारा मानना है कि कुछ खास क्षेत्रों में मौजूदा स्तर पर सुरक्षा मार्जिन लार्जकैप के मुकाबले घटा है। इसे देखते हुए प्रमुख सूचकांक अल्पाव​धि में कुछ समय-आधारित गिरावट के ​शिकार हो सकते हैं और पूंजी प्रवाह लार्जकैप की ओर केंद्रित हो सकता है।’

केआईई की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हमें अपने मिडकैप और स्मॉलकैप में ज्यादा वैल्यू नहीं दिख रही है। ज्यादातर शेयर 12 महीने के उचित मूल्यांकन से ऊपर या उसके आसपास कारोबार कर रहे हैं।’

प​श्चिम ए​शिया में बढ़ते तनाव से बाजारों के लिए भूराजनीतिक अनि​श्चितता बढ़ी है। विश्लेषकों का मानना है कि ऊंची तेल कीमतों से छोटी कंपनियों का मार्जिन ज्यादा प्रभावित हो सकता है। इसके अलावा, बाजार में गिरावट गहराने पर छोटी कंपनियों के शेयर ज्यादा गिर सकते हैं। सोमवार को भी यह रुझान देखा गया।

First Published : October 9, 2023 | 9:44 PM IST