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रोजगार पैदा करने में AI दे सकती है बड़ा योगदान: टेक महिंद्रा

यूरोपियन सेंट्रल बैंक और अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के ताजा शोध में कहा गया है कि जेन एआई-आधारित स्वचालन की वजह से अब तक बड़ा रोजगार नुकसान नहीं हुआ है।

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एजेंसियां   
Last Updated- December 18, 2023 | 9:59 PM IST

टेक महिंद्रा (Tech Mahindra) के निवर्तमान मुख्य कार्याधिकारी सीपी गुरनानी ने कहा है कि जेनरेटिव एआई टेक्नोलॉजी ज्यादा रोजगार पैदा कर सकती है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब सोशल मीडिया में इस टेक्नोलॉजी की वजह से रोजगार बाजार प्रभावित होने की चर्चाएं जोरों पर हैं।

गुरनानी ने रॉयटर्स को एक साक्षात्कार में बताया, ‘जेनरेटिव एआई में भविष्य में ज्यादा रोजगार अवसर पैदा होने की संभावना है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि अभी पैदा हो रही हैं और अभी इनमें तेजी आनी बाकी है।’

ओपनएआई की चैटजीपीटी और गूगल की बार्ड जैसी एआई प्रौद्योगिकियों ने विशेष प्रतिक्रियाओं और उपन्यास एवं कविताएं लिखने से लेकर जटिल कम्प्यूटर कोड लिखने तक, पिछले साल सुर्खियां हासिल कीं।

जहां उद्योग के कुछ मुख्य अधिकारियों ने इस प्रौद्योगिकी के प्रभाव की वजह से करीब एक-तिहाई रोजगार समाप्त होने की आशंका जताई है, वहीं 245 अरब डॉलर के भारतीय आईटी सेक्टर में लंबे समय तक सीईओ की जिम्मेदारी संभालने वाले गुरनानी का मानना है कि कुशल लोगों पर फर्क नहीं पड़ेगा। गुरनानी 19 सिंबर को सेवानिवृत हो रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘नई नौकरियां भी पैदा होंगी। बाजार का दायरा बढ़ेगा।’इन्फोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति भी यह कह चुके हैं कि चैटजीपीटी जैसे जेन एआई टूल्स की वजह से कोडर्स की नौकरियां कभी नहीं जाएंगी। जेन एआई की वजह से रोजगार नुकसान संबंधित अनुमान अलग अलग है। यूरोपियन सेंट्रल बैंक और अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के ताजा शोध में कहा गया है कि जेन एआई-आधारित स्वचालन की वजह से अब तक बड़ा रोजगार नुकसान नहीं हुआ है।

गुरनानी ने युवा इंजीनियरों को बदलती दुनिया के अनुरूप ढलने और स्वतंत्र रूप से नए कौशल सीखने पर जोर देने को कहा है।
गुरनानी ने कहा, ‘वह समय बीत गया जब इन्फोसिस या टेक महिंद्रा लर्निंग कैम्पस स्थापित करने पर जोर दे रही थीं।’

First Published : December 18, 2023 | 9:48 PM IST