गौतम अदाणी (Gautam Adani) की अगुआई वाले अदाणी समूह (Adani Group) की कंपनियों के शेयरों ने आज ऊंची उड़ान भरी। अदाणी ग्रीन एनर्जी को 8 अंतरराष्ट्रीय बैंकों के कंसोर्टियम से 1.4 अरब डॉलर का ऋण मिलने के बाद समूह की कंपनियों में निवेशकों का भरोसा बढ़ा है।
ब्लूमबर्ग की खबर ने भी भरोसा बढ़ाया, जिसके मुताबिक श्रीलंका में कंटेनर टर्मिनल के लिए 55.3 करोड़ डॉलर का कर्ज देने से पहले अमेरिकी सरकार इस नतीजे पर पहुंची थी कि अदाणी समूह पर कॉरपोरेट धोखाधड़ी के हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों का अदाणी पोर्ट्स ऐंड स्पेशल इकनॉमिक जोन से कुछ लेना-देना नहीं था।
समूह की 11 सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में 7 से 20 फीसदी तक की तेजी आई, जिससे समूह के बाजार पूंजीकरण में 1.93 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड इजाफा हुआ। इसके साथ ही अदाणी समूह का कुल बाजार पूंजीकरण बढ़कर 14 लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंच गया, जो 31 जनवरी के बाद सबसे अधिक है।
अदाणी ग्रीन एनर्जी ने बीएनपी पारिबा, रैबोबैंक, डीबीएस बैंक, मित्सुबिशी यूएफजे फाइनैंशियल और स्टैंडर्ड चार्टर्ड सहित 8 बैंकों के कंसोर्टियम से ऋण जुटाया है। इस ऋण के साथ ही समूह ने गुजरात के खावड़ा में दुनिया का सबसे बड़ा ग्रीन एनर्जी पार्क बनाने के लिए मार्च, 2021 से अब तक कुल 3 अरब डॉलर का कर्ज जुटा लिया है।
उधर ब्लूमबर्ग की खबर में अमेरिकी सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि कर्ज देने से पहले इंटरनैशनल डेवलपमेंट फाइनैंस कॉर्पोरेशन (डीएफसी) ने जांच कराई, जो हिंडनबर्ग के आरोपों के इर्द-गिर्द थी।
अधिकारी ने बताया कि डीएफसी अपनी जांच से संतुष्ट था और उसने पाया कि इन आरोपों का अदाणी पोर्ट्स ऐंड स्पेशल इकनॉमिक जोन से कुछ लेना-देना नहीं था। श्रीलंका में बंदरगाह बनाने में अदाणी पोर्ट्स भी शामिल है। इसके बाद अदाणी पोर्ट्स का शेयर 15 फीसदी बढ़कर 1,012 रुपये पर बंद हुआ। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने से पहले कंपनी के कंपनी का शेयर जिस भाव पर था, आज का भाव उससे भी 33 फीसदी ज्यादा है।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जुलाई को रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें अदाणी समूह पर कई आरोप लगाए गए थे। इसके बाद समूह का बाजार पूंजीकरण करीब 13 लाख करोड़ रुपये कम हो गया था। समूह के शेयरों में बिकवाली फरवरी के अंत में जाकर थमी, जब अमेरिकी निवेश फर्म जीक्यूजी पार्टनर्स ने अदाणी समूह के प्रवर्तकों से 15,500 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
समूह का बाजार पूंजीकरण गिरकर 6.8 लाख करोड़ रुपये रह गया था, जहां से अब यह दोगुने के भी ऊपर जा चुका है। मगर अब भी बाजार पूंजीकरण 24 जनवरी के स्तर से 5.3 लाख करोड़ रुपये कम है।
समूह के बाजार पूंजीकरण में ज्यादातर इजाफा पिछले एक हफ्ते में हुआ है। हिंडनबर्ग के आरोपों की सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई पिछले हफ्ते पूरी हुई, जिसके बाद समूह का बाजार पूंजीकरण 1 लाख करोड़ रुपये बढ़ गया। अदालत ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा मगर कहा कि समूह के बारे में मीडिया रिपोर्टों को वह ‘शाश्वत सत्य’ नहीं मानेगी।