मॉर्गन स्टैनली (Morgan stanley) के मुताबिक भारतीय इक्विटी बाजार के प्रदर्शन का नया युग शुरू हो रहा है, जिसने भारत को अपने एशिया पैसिफिक (जापान को छोड़कर) की सूची में अपग्रेड कर ओवरवेट कर दिया है। साथ ही अब यह न सिर्फ इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा तरजीही बाजार है बल्कि वैश्विक स्तर पर उभरते बाजारों में भी।
मॉर्गन स्टैनली के मुताबिक, भारत इस श्रेणी में सबसे अच्छा बाजार है, जिसका भारांक अब पहले के मुकाबले 75 आधार अंक है।
भारत अब 6 नंबर से पहले नंबर पर
जोनाथन गार्नर की अगुआई वाले मॉर्गन स्टैनली के विश्लेषकों ने अपने एशिया इक्विटी स्ट्रैटिजिस्ट में एक नोट में लिखा है, हमारे प्रोसेस में भारत अब 6 नंबर से पहले नंबर पर आ गया है और सापेक्षिक मूल्यांकन अक्टूबर 2022 के मुकाबले काफी ज्यादा नहीं है।
बहुध्रुवीय दुनिया का रुख एफडीआई व पोर्टफोलियो निवेश को समर्थन दे रहा है और भारत सुधार के अलावा आर्थिक स्थिरता का एजेंडा जोड़ रहा है, जो मजबूत पूंजीगत खर्च व लाभ का परिदृश्य बताता है। हम उभरते बाजारों के मुकाबले स्थिर व उम्दा ईपीएस वृद्धि (डॉलर में) की निरपेक्ष प्रवृत्ति देख रहे हैं, जहां युवा आबादी इक्विटी में निवेश को सहारा दे रहा है।
भारत के अलावा ग्रीस ओवरवेट
भारत के अलावा मॉर्गन स्टैनली ने ग्रीस को ओवरवेट कर दिया है जबकि ऑस्ट्रेलिया को अंडरवेट और एमएससीआई चाइना व ताइवान को ओवरवेट से इक्वलवेट कर दिया है। साथ ही हंगरी को अंडरवेट से इक्वलवेट कर दिया है।
मॉर्गन स्टैनली का मानना है कि भारत की स्थिति चीन से काफी उलट है। भारत में तार्किक तौर पर उसी समय लंबी अवधि की तेजी की शुरुआत हुई जब चीन में शायद यह खत्म हो रही है।
गार्नर ने लिखा है, भारत का भविष्य चीन के विगत के भविष्य के मुकाबले काफी अलग दिख रहा है। अर्थशास्त्रियों की हमारी टीम का मानना है कि चीन में जीडीपी की रफ्तार इस दशक के आखिर में करीब 3.9 फीसदी रह सकती है, जो भारत के मामले में 6.5 फीसदी है।
वैयक्तिक शेयरों की बात करें तो एलऐंडटी और मारुति सुजूकी इंडिया को मॉर्गन स्टैनली की एशिया पैसिफिक (जापान को छोड़कर) की सूची में जोड़ा गया है, वहीं टाइटन कंपनी इन दोनों बाजारों में दिलचस्पी से बाहर हो गई है। 2003 से लेकर 2020 तक भारत व चीन के बाजारों में एक दूसरे के साथ बेहतर प्रदर्शन किया और दोनों में एमएससीआई ईएम के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन की प्रवृत्ति रही।
मॉर्गन स्टैनली के मुताबिक, साल 2021 की शुरुआत से हालांकि भारत नाटकीय तौर पर चीन के मुकाबले 100 फीसदी के ज्यादा अंतर से उम्दा प्रदर्शन करने वाला रहा।