प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
देश में पुरानी कारों का बाजार वित्त वर्ष 26 में 8 से 10 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। यह नई कारों की बिक्री की अनुमानित वृद्धि के मुकाबले दोगुना से भी ज्यादा है। क्रिसिल रेटिंग्स के अनुसार इस वित्त वर्ष में पुरानी कारों की कुल बिक्री 60 लाख का स्तर पार कर सकती है। खर्च उठाने की क्षमता से जुड़ी चिंताओं, बढ़ते डिजिटल प्लेटफॉर्म और बेहतर वित्तीय सहायता तक पहुंच के कारण ऐसा संभव है।
पुरानी और नई कारों की बिक्री का अनुपात बढ़कर 1.4 हो चुका है। पांच साल पहले पहले यह एक से भी कम था। इन पुरानी कारों का बाजार मूल्य करीब 4 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है जो नई कारों की बिक्री के लगभग बराबर है।
क्रिसिल ने पुरानी कारों की छह संगठित कंपनियों का विश्लेषण किया है। इनमें कारदेखो, कार्स24, कारट्रेड, स्पिनी, महिंद्रा फर्स्ट चॉइस और ओएलएक्स के निवेश वाले प्लेटफॉर्म शामिल हैं। इनके विश्लेषण से पता चलता है कि राजस्व वृद्धि से अगले 12 से 18 महीनों में कंपनियों को परिचालन स्तर पर ब्रेक-ईवन पर पहुंचने में मदद मिलने की उम्मीद है। तब तक नकदी और समय पर पैसा जुटाना महत्वपूर्ण रहेगा, खास तौर ऐसे समय में जब अधिकांश कंपनियां लॉजिस्टिक्स, नवीनीकरण और ग्राहक जोड़ने से जुड़ी परिचालन की अधिक लागत के कारण अब भी नकदी खर्च कर रही हैं।
पुराने वाहनों की बिक्री वित्त वर्ष 25 में 8 प्रतिशत बढ़ी और यह वित्त वर्ष 2017 और वित्त वर्ष 2024 के बीच 5 प्रतिशत की धीमी वार्षिक वृद्धि से उबर रही है। यह वृद्धि वित्त वर्ष 26 में भी जारी रहने की उम्मीद है। हालांकि भारत अब भी पुरानी और नई कारों के अनुपात में वैश्विक बाजार में पीछे है, जहां अमेरिका 2.5, ब्रिटेन 4.0 और जर्मनी 2.6 के अनुपात स्तर पर हैं।
क्रिसिल रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक अनुज सेठी ने कहा, ‘पुरानी और नई कारों की बीच बढ़ता अनुपात खरीदारों के व्यवहार में बदलाव का संकेत देता है जो डिजिटल प्लेटफॉर्म, अपग्रेड के तेज चक्र और यूटिलिटी वाहनों के प्रति बढ़ती पसंद से प्रेरित है।’ बेचे गए पुराने वाहनों की औसत आयु घट रही है और यह गिरकर 3.7 वर्ष रह जाने की उम्मीद है जबकि वित्त वर्ष 17 में यह 5.3 वर्ष थी।
सेमीकंडक्टर और दुर्लभ खनिज मैग्नेट की वैश्विक किल्लत के कारण नई कारों की डिलिवरी में बाधाओं ने भी इस श्रेणी को फायदा पहुंचाया है। कारों का तत्काल स्वामित्व चाहने वाले खरीदारों के लिए पुरानी गाड़ियां विकल्प बन गई हैं जबकि पहली बार कार खरीदारी करने वाले लोग पुरानी कारों की श्रेणी में ज्यादा विकल्प तलाश रहे हैं। इसका श्रेय हाल के वर्षों में नए वाहनों की दमदार बिक्री को जाता है।