बीएसई ऑटो इंडेक्स पिछले साल के दौरान सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले सूचकांकों में से एक रहा और इसने 26 प्रतिशत का शानदार प्रतिफल दिया। तुलनात्मक तौर पर निफ्टी-50 और सेंसेक्स इस अवधि के दौरान 6 से 8 प्रतिशत के बीच प्रतिफल देने में कामयाब रहे। सुधरती मांग, कच्चे माल की घटती कीमतों, और बढ़ती उत्पाद प्राप्तियों से घरेलू ब्रोकरों को आय वृद्धि अनुमानों को बढ़ाने में मदद मिली है।
हालांकि कई सेगमेंटों (ट्रैक्टर को छोड़कर) ने फरवरी में सुस्त बिक्री दर्ज की, लेकिन ब्रोकरों को इस क्षेत्र को कई कारकों से मदद मिलने की संभावना है।
कॉमर्शियल वाहन (सीवी) क्षेत्र में, बढ़ती कनेक्टिविटी और ई-कॉमर्स की लोकप्रियता में तेजी आने से स्मॉल एवं इंटरमीडिएट व्हीकल स्पेस में सुधार आने की संभावना है।
बीऐंडके सिक्योरिटीज का मानना है कि आर्थिक गतिविधियों, इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में सुधार की मदद से मध्यम एवं भारी सीवी बिक्री लगातार मजबूत रहेगी, वहीं उपयोगिता स्तरों में तेजी आने और रीप्लेसमेंट मांग मजबूत होने से भी इस क्षेत्र की कंपनियों को मदद मिलेगी।
बढ़ती स्वामित्व लागत और ग्रामीण आय पर दबाव तथा वृहद आर्थिक चुनौतियों, संबद्ध बाजारों में विदेशी एक्सचेंज उपलब्धता के अभाव को देखते हुए दोपहिया सेगमेंट और निर्यात बाजार में घरेलू एंट्री-लेवल वाहन पर दबाव दिखेगा।
हालांकि दोपहिया में प्रीमियम सेगमेंट का प्रदर्शन बेहतर रहने की संभावना है, क्योंकि सेमीकंडक्टर आपूर्ति से जुड़ी समस्या दूर हुई है। इसके अलावा, ICICI Direct के शोध विश्लेषकों शशांक कनौड़िया और राघवेंद्र गोयल का मानना है कि दोपहिया सेगमेंट में महंगे वाहनों के प्रति बढ़ती दिलचस्पी बढ़ेगी, क्योंकि नई कर व्यवस्था की वजह से खर्च योग्य आय में इजाफा होगा।
यात्री वाहन (पीवी) कंपनियों को भी आपूर्ति संबंधित चुनौतियां घटने से मदद मिलेगी और वे अगले कुछ वर्षों के दौरान दो अंक की वृद्धि दर्ज कर सकती हैं।
मोतीलाल ओसवाल रिसर्च के विश्लेषक गौतम दुग्गड़ का मानना है कि मांग, आपूर्ति और मार्जिन में सुधार आने से वाहन क्षेत्र की आय तेजी से बढ़ सकेगी। वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में निफ्टी ऑटो के लिए 26 प्रतिशत आय अपग्रेड (महामारी प्रभावित तिमाही को छोड़कर पांच साल में सर्वाधिक) और प्रबंधन द्वारा जताए जा रहे सकारात्मक अनुमानों से इस क्षेत्र के लिए मजबूत परिदृश्य पैदा हुआ है। ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि वाहन क्षेत्र के लिए खराब समय पीछे छूट गया है।
ऊंची उम्मीदों को देखते हुए, चार मिडकैप-लार्जकैप कंपनियां 15 प्रतिशत से ज्यादा की बिक्री वृद्धि दर्ज कर सकती हैं और वित्त वर्ष 2025 के दौरान कम से कम 30 प्रतिशत की आय दर्ज की जा सकती है।
हालांकि कई अन्य कंपनियां (खासकर कलपुर्जा आपूर्तिकर्ता और निर्यातक) मजबूत नजर आ रही हैं, लेकिन कुछ ब्रोकर यूरोप से जुड़े उनके जोखिम, मौद्रिक उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए सतर्कता बरत रहे हैं।
Ashok Leyland
मजबूत मांग परिदृश्य के अलावा, यह कंपनी अपनी बाजार भागीदारी वित्त वर्ष 2022 के 27 प्रतिशत से बढ़ाकर 32 प्रतिशत पर पहुंचाने में सफल रही है। प्रभुदास लीलाधर रिसर्च के अनुसार, कंपनी द्वारा अपनी बाजार भागीदारी बरकरार रखे जाने की संभावना है, क्योंकि उसे सीवी, बस सेगमेंट में तेजी, नेटवर्क विस्तार, और नए उत्पादों से मदद मिल सकती है।
Maruti Suzuki India
कमजोर बिक्री, आपूर्ति संबंधित समस्याओं, हाई-ग्रोथ स्पोर्ट स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल सेगमेंट में कमजोर उत्पाद पोर्टफोलियो और बढ़ती उत्पादन लागत की वजह से पिछले चार साल के दौरान इस सबसे बड़ी पीवी निर्माता को चुनौतीपूर्ण बदलावों से गुजरना पड़ा। यह शेयर अपने 2023-24 की आय के 21 गुना पर कारोबार कर रहा है, जो उसके 24 गुना के पिछले 10 वर्षीय औसत से कम है।
Escorts Kubota
जहां कंपनी को बढ़ती परिचालन दक्षताओं की वजह से ओसाका की कुबूटा कॉरपोरेशन के साथ भागीदारी से अल्पावधि में मदद मिलेगी, वहीं संभावित बाजार भागीदारी वृद्धि, और ऊंचे निर्यात, हाल की तिमाहियों में मार्जिन पर दबाव और संपूर्ण बाजार भागीदारी को लेकर चिंताएं पैदा हुई हैं।
फिलिपकैपिटल रिसर्च ने इस शेयर पर सतर्क रुख अपनाया है।
Motherson Sumi Wiring India
कंपनी मुख्य तौर पर पीवी निर्माताओं को आपूर्ति करती है, जिसे देखते हुए आपूर्ति संबंधित समस्याओं और मांग की चिंताओं से यह वायरिंग दिग्गज प्रभावित हुई है।
समस्याओं के बावजूद, कंपनी ने इस क्षेत्र की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है और बाजार भागीदारी में इजाफा दर्ज किया है।
च्वॉइस इक्विटी ब्रोकिंग वायरिंग हार्नेस की बढ़ती पैठ की वजह से इस कंपनी पर उत्साहित है। वायरिंग हार्नेस एक ऐसा पोर्टफोलियो है जो इलेक्ट्रिक वाहन प्रक्रिया में मददगार होता है। इस पोर्टफोलियो में सुधार से नियोजित पूंजी पर प्रतिफल को बढ़ावा मिलेगा।