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इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए फेम-2 के तहत सब्सिडी घटकर हुई 10,000 रुपये

Published by
नितिन कुमार
Last Updated- May 17, 2023 | 10:18 PM IST

केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रिक दोपहिया की ‘फास्टर एडॉप्शन ऐंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ (हाइब्रिड ऐंड) इलेक्ट्रिक व्हीकल्स’ (फेम-2) सब्सिडी को मौजूदा 15,000 रुपये प्रति किलोवॉट प्रति घंटा से घटाकर 10,000 रुपये प्रति किलोवॉट कर दिया है। वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने कहा कि वाहन के एक्स-फैक्ट्री मूल्य की 40 प्रतिशत की मौजूदा अधिकतम सब्सिडी सीमा को भी घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है।

यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है क्योकि ई-दोपहिया के लिए व्यय इस योजना की मार्च 2024 की समय सीमा से कुछ महीने पहले समाप्त होने वाला था। सरकार पहले ही इस योजना के तहत लक्ष्य बनाए गए दस लाख ई-दोपहिया वाहनों के लगभग 80 प्रतिशत को सब्सिडी वितरित कर चुकी है।

केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने इस कदम को भारत में टिकाऊ परिवहन समाधान की दिशा में सकारात्मक कदम बताया है। पांडे ने कहा कि चूंकि ई-दोपहिया वाहनों की मांग लगातार बढ़ रही है, इसलिए सरकार टिकाऊ विकास सुनिश्चित करने और कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए उद्योग को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। हितधारकों के परामर्श के दौरान बनी आम सहमति भारत में टिकाऊ परिवहन समाधान की दिशा में सकारात्मक कदम का संकेत देती है।

भारी उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 15 फरवरी, 2023 तक इस योजना के अंतर्गत 7,92,529 वाहनों की बिक्री की जा चुकी है। मंत्रालय ने उद्योग से परामर्श के बाद यह निर्णय लिया है। अधिकारियों ने कहा कि परामर्श में मौजूद विनिर्माताओं ने सब्सिडी का तकरीबन पूरा इस्तेमाल कर लिए जाने के संबंध में अपनी चिंता जताई है और प्रस्ताव रखा है कि प्रति वाहन सब्सिडी कम करते हुए योजना का 2,000 करोड़ रुपये का व्यय बढ़ाया जा सकता है। योजना व्यय में प्रस्तावित वृद्धि और प्रति वाहन सब्सिडी में कमी ई-दोपहिया वाहन खंड के लिए लंबे समय तक सरकारी समर्थन को सक्षम बनाएगी।

वर्तमान में ईवी विनिर्माताओं के लिए सब्सिडी प्रति दोपहिया वाहन 17,000 और 66,000 रुपये के बीच है। नई अधिसूचना के बाद प्रत्येक ई-दोपहिया वाहनों के लिए सब्सिडी घटकर 15,000 रुपये से 20,000 रुपये रह जाएगी। शुरुआत के समय फेम-2 में 10,000 रुपये प्रति किलोवॉट का प्रावधान था, हालांकि बाद में इसे बढ़ाकर मौजूदा स्तर 15,000 रुपये प्रति किलोवॉट कर दिया गया था क्योंकि तब इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बहुत कम मांग थी।

सरकार का लक्ष्य और ज्यादा वाहन मॉडल का समर्थन करना और इस वित्त वर्ष के अंत तक सब्सिडी का उपयोग करना है। सरकार के फैसले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा कि चूंकि ई-दोपहिया की मांग ने बाजार में रफ्तार पकड़ी है, इसलिए सब्सिडी कम करने से पैसे की बचत होगी तथा उपभोक्ताओं और विनिर्माताओं को गैर-सब्सिडी वाले भविष्य के अनुसार समायोजित करने के लिए तैयार किया जाएगा।

First Published : May 17, 2023 | 10:18 PM IST