प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वाहन निर्माताओं से कॉर्बन उत्सर्जन कम करने के लिए प्रयास करने की अपील की। उन्होंने कहा कि एक स्थायी गतिशील इकोसिस्टम (sustainable mobility ecosystem) इस वक्त की मांग है। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के 63वें वार्षिक सम्मेलन में एक संदेश में, PM मोदी ने यह भी कहा कि गतिशीलता यानी बदलाव आज के भारत में विकास का एक प्रमुख जरूरत है।
PM मोदी ने कहा, ‘आज समय की मांग एक मोबिलिटी इकोसिस्टम विकसित करने की है जो टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल हो। पर्यावरण के प्रति जागरूक और आर्थिक रूप से संतुलित मोबिलिटी ही भविष्य है।’
उन्होंने कहा, ‘पावरट्रेन टेक्नोलॉजी की की एक बड़ी चेन के साथ वाहनों की शुरूआत के जरिये डीकार्बोनाइजेशन की दिशा में भारतीय ऑटो इंडस्ट्री के प्रयास उल्लेखनीय हैं। आज, हमारे पास इथेनॉल, फ्लेक्स-फ्यूल, CNG, बायो-सीएनजी, हाइब्रिड इलेक्ट्रिक, इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन जैसी कई ऑप्शनल टेक्नोलॉजी पर चलने वाले वाहन हैं।
Also Read: 10 फीसदी बढ़ सकता है डीजल इंजन वाले वाहनों पर टैक्स, नितिन गडकरी ने बताया प्लान
कार्बन उत्सर्जन और तेल आयात पर हमारे देश की निर्भरता दोनों को कम करने के लिए इस तरह के ठोस प्रयासों को जारी रखने और बढ़ाने की आवश्यकता है।’
PM मोदी ने यह भी कहा कि भारत की ऑटो इंडस्ट्री अपने वैल्यू क्रिएशन साइकल में उत्प्रेरक और लाभार्थी दोनों रहा है। इसने करोड़ों लोगों के लिए रोजगार पैदा किया है और देश की आर्थिक वृद्धि में योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि साथ ही इंडस्ट्री को आर्थिक वृद्धि के कारण पैदा हुई मांग से भी फायदा हुआ है।
PM मोदी ने SIAM से कहा कि 2047 तक, जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा, यह एक सही समय है जब मजबूत, टिकाऊ, आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण के दृष्टिकोण को साकार करने लिए विचार किया जाए।
भारत 2030 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की कार्बन उत्सर्जन तीव्रता को 45 प्रतिशत तक कम करने और 2070 तक शुद्ध कार्बन उत्सर्जन को शून्य करने के लिए प्रतिबद्ध है।
Also Read: SIAM August data: पैसेंजर व्हीकल की थोक बिक्री में 9% का इजाफा, टू-व्हीलर की मांग स्थिर