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New EV policy: नई ईवी नीति में कोई भी फर्म लगा सकेगी कारखाना

New EV policy: भारी उद्योग मंत्रालय विस्तृत दिशानिर्देश तैयार कर रहा है, जिसमें इससे जुड़ा पूरा ब्योरा स्पष्ट किया जाएगा और इसकी घोषणा भी की जाएगी।

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श्रेया नंदी   
Last Updated- May 17, 2024 | 11:42 PM IST

देश में पहले से वाहन बना रही कंपनियों समेत सभी कंपनियों को इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बनाने के लिए नई परियोजना या संयंत्र में निवेश की इजाजत दी जा सकती है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने आज कहा कि केंद्र सरकार हाल में मंजूर ईवी नीति के तहत कंपनियों को नए निवेश के लिए अनुमति देने की योजना बना रही है।

भारी उद्योग मंत्रालय विस्तृत दिशानिर्देश तैयार कर रहा है, जिसमें इससे जुड़ा पूरा ब्योरा स्पष्ट किया जाएगा और इसकी घोषणा भी की जाएगी। अधिकारी ने कहा, ‘उद्योग के साथ बातचीत का दूसरा दौर शुरू होने को है।’

अमेरिका की नामी ईवी कंपनी टेस्ला के ईलॉन मस्क प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने आने वाले थे। मगर करीब एक महीने पहले मस्क ने बहुत अधिक व्यस्त होने के कारण यह बैठक रद्द कर दी। अब मस्क इस साल के अंत में भारत आ सकते हैं। उनकी यात्रा रद्द होने के कुछ समय बाद ही अधिकारी ने इस योजना की जानकारी दी है।

मार्च में घोषित ईवी नीति में उन विनिर्माण कंपनियों के लिए आयात शुल्क कम करने की बात कही गई है, जो कम से कम 50 करोड़ डॉलर निवेश का वादा करेंगे और तीन साल के भीतर देश में कारखाना लगाएंगे। उन्हें काम शुरू करने के तीन साल के भीतर भारत में ही 25 फीसदी मूल्यवर्द्धन शुरू करना होगा। पांचवें साल तक इसे बढ़ाकर 50 फीसदी करना होगा। इस नीति का मकसद टेस्ला, विनफास्ट, बीवाईडी जैसी प्रमुख अतंरराष्ट्रीय कंपनियों को भारत में वाहन बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है।

ईवी नीति की घोषणा के बाद वाहन उद्योग के साथ अप्रैल में हुई पहली बैठक में घरेलू और वैश्विक कंपनियों के प्रतिनिधि भी बैठक में शामिल हुए थे। अधिकारी ने कहा, ‘पहले से कार बना रही कंपनियों को अलग से कोई फायदा नहीं होगा। स्थानीय स्तर पर कुछ शर्तें पूरी करने और एकदम नया निवेश करने पर आयात शुल्क में छूट जैसे फायदे दिए जाएंगे।’

First Published : May 17, 2024 | 11:23 PM IST