माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन और मुख्य कार्याधिकारी सत्य नडेला ने आज कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकियों द्वारा संचालित वस्तुओं का सार्वजनिक बुनियादी ढांचा वैश्विक स्तर पर भी लागू है।
नडेला ने बेंगलूरु में माइक्रोसॉफ्ट के ‘फ्यूचर रेडी समिट’ कार्यक्रम में कहा कि इसमें वैश्विक स्तर पर 100 प्रतिशत व्यावहारिकता है। प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण और सभी कार्यक्रमों (योजनाएं) तथा इंडिया स्टैक (भारत में प्रौद्योगिकी के प्रसार) ने एक साथ मिलकर ऐसा अच्छ चक्र निर्मित किया है, जो दुनिया में किसी भी चीज से हटकर है। मुझे लगता है कि ये दोनों वे सबसे बड़े योगदान हैं, जो भारत दुनिया को दे सकता है। यह विचार कि सार्वजनिक रूप से अच्छा डिजिटल बुनियादी ढांचा हो, बहुत अच्छी बात है लेकिन इससे भी महत्त्वपूर्ण बात यह है कि यह आम आदमी के उपयोग के लिए उपलब्ध है।
नडेला इन्फोसिस के गैर-कार्यकारी चेयरमैन और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के पूर्व चेयरमैन नंदन नीलेकणि के साथ बातचीत कर रहे थे।
यह पूछे जाने पर कि सार्वजनिक वस्तुओं की डिलिवरी के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के मामले में भारत कहा है, नीलेकणि ने कहा ‘मुझे लगता है कि हम सफर के आधे रास्ते पर हैं। बड़ा दृष्टिकोण आधुनिक डिजिटल प्रौद्योगिकियों की शक्ति का लाभ उठाते हुए डिजिटल-फर्स्ट अर्थव्यवस्था और समाज का निर्माण करना तथा आर्थिक वृद्धि लाकर लोगों के जीवन में सुधार लाना है।’
नीलेकणि ने कहा ‘वर्ष 2016 में, हमारे पास 1,000 स्टार्टअप थे और आज हमारे पास 90,000 स्टार्टअप हैं। कई डिजिटल सार्वजनिक वस्तुओं ने वास्तव में इस उद्यमशीलता के विकास को सक्षम किया है। जियो ईकेवाईसी की वजह से एक दिन में 10 लाख ग्राहकों तक पहुंचने में सक्षम रही। भुगतान वृद्धि के कारण जेरोधा सबसे बड़ी ब्रोकिंग कंपनी बन गई।