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ऑटो सेल्स को ट्रंप टैरिफ, छंटनी और बारिश से झटका! जुलाई में 4.3% घटी बिक्री, फे​स्टिव सीजन पर नजर

Auto Sales July 2025: FADA ने कहा कि अमेरिका के टैरिफ से जुड़ी अनिश्चितता, IT क्षेत्र में छंटनी और भारी बारिश ने कंज्यूमर सेंटीमेंट को प्रभावित किया।

Last Updated- August 07, 2025 | 4:16 PM IST
Auto sales August 2025
Auto Retails Sales July 2025 (प्रतीकात्मक फोटो)

Auto Sales July 2025: जुलाई में रिटेल ऑटोमोबाइल सेल्स में सालाना आधार पर 4.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशंस (FADA) ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका के टैरिफ से जुड़ी अनिश्चितता, IT क्षेत्र में छंटनी और भारी बारिश ने कंज्यूमर सेंटीमेंट को प्रभावित किया।

टू-व्हीलर्स की बिक्री 6.5 फीसदी और पैसेंजर व्हीकल्स की बिक्री करीब 1 फीसदी घटी। FADA ने कहा कि ट्रंप टैरिफ से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में नौकरियों पर असर पड़ने की आशंका ने कंज्यूमर सेंटीमेंट कमजोर किया होगा। FADA के अध्यक्ष सी एस विग्नेश्वर ने कहा, “हम वास्तव में नहीं जानते कि ट्रंप के टैरिफ का इंडस्ट्री पर सेंटीमेंट के स्तर पर कितना असर होगा।”

जुलाई में कुल 19.6 लाख व्हीकल्स बिके

FADA के मुताबिक, जुलाई 2025 में कुल 19.6 लाख व्हीकल्स बिके, जबकि पिछले वर्ष इसी महीने में यह संख्या 20.5 लाख थी। लगातार तीन महीने की बढ़ोतरी के बाद रिटेल सेल्स में गिरावट दर्ज की गई।

विग्नेश्वर ने कहा, “भारत के ऑटो रिटेल सेक्टर ने जुलाई में ब्रेक लगा दिया। सालाना आधार पर कुल रिटेल सेल्स में 4.31 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट की मुख्य वजह जुलाई 2024 का हाई बेस है, जब एक तेज गर्मी के बाद जोरदार बारिश हुई थी, जिससे बिक्री प्रभावित हुई थी।”

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कंस्ट्रक्शन इ​क्विपमेंट की सेल्स में तेज गिरावट

FADA के मुताबिक, कंस्ट्रक्शन इ​क्विपमेंट की बिक्री जुलाई में 33.3 फीसदी घट गई। यह गिरावट पिछले दो महीनों की मजबूत ग्रोथ के बाद दर्ज की गई। फाडा इसे एक अलग कैटेगरी मानता है। विग्नेश्वर ने कहा, “इस क्षेत्र में कई कस्टमर्स ने नए इमीशन नॉर्म्स के चलते पहले ही खरीदारी कर ली थी, जो अब स्टेबल होगी।”

थ्री-व्हीलर्स की बिक्री में मामूली ग्रोथ, रूरल डिमांड कमजोर

फाडा के आंकड़ों के मुताबिक, थ्री-व्हीलर्स की बिक्री जुलाई में 0.83 फीसदी बढ़ी। टू-व्हीलर्स की बिक्री 6.48 फीसदी घटकर 13.6 लाख रही। फसल की बुवाई और भारी बारिश के चलते रूरल सेंटीमेंट प्रभावित हुईं। डीलरों को उम्मीद है कि मॉनसून के बाद की अवधि में मांग में तेजी आएगी। त्योहारी सीजन से पहले स्ट्रैटेजिक स्टॉक प्लानिंग और रूरल-अर्बन मार्केट्स में फोकस अहम होगा।

पैसेंजर व्हीकल्स की बिक्री घटी 

पैसेंजर व्हीकल्स की बिक्री जुलाई में सालाना आधार पर 0.81 फीसदी घटी। हालांकि मासिक आधार पर इसमें 10.38 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई। नए मॉडल, अग्रेसिव रूरल मार्केटिंग और टारगेटेड स्कीम्स से बिक्री को सपोर्ट मिला। महीने के अंत तक रूरल डिमांड बढ़ी, लेकिन शहरी क्षेत्रों में इन्क्वायरी कम रही और कस्टमर सेंटीमेंट सुस्त रह। फाडा के मुताबिक, इन्वेंट्री का स्तर करीब 55 दिन पर स्थिर है। ऐसे में कंट्रोल्ड डिस्काउंट, आसान फाइनेंसिंग ऑप्शन और शहरी इलाकों में मार्केटिंग स्ट्रैटेजी पर फोकस रहेगा।

कॉमर्शियल व्हीकल्स की बिक्री में मामूली इजाफा

कॉमर्शियल व्हीकल्स की बिक्री 0.23 फीसदी बढ़ी। शहरी डिमांड, नए मॉडल, अग्रेसिव मार्केटिंग, थोक ऑर्डर और समय पर स्टॉक सप्लाई को इसका क्रेडिट दिया गया। हालांकि, रूरल सेक्टर में भारी बारिश, सीमेंट, कोयला और कंस्ट्रकशन लॉजिस्टिक्स की मौसमी सुस्ती और धीमी फाइनैंसिंग के चलते डिमांड कमजोर रही। कई बायर्स ने खरीदारी मानसून के बाद के लिए टाल दी।

ट्रैक्टरों की बिक्री 10.96% बढ़ी

फाडा के मुताबिक, जुलाई में ट्रैक्टरों की बिक्री 10.96 फीसदी बढ़ी। विग्नेश्वर ने कहा, “कृषि सब्सिडी के समय पर डि​​स्ट्रिब्यूशन, अनुकूल मॉनसून और रूरल सेक्टर में लि​क्विडिटी की स्थिति ने खरीदारी के सेंटीमेंट को मजबूती दी। यह मजबूती पॉलिसी दखल की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाती है, जोकि कृषि और रूरल डिमांड बनाए रखने में सहायक हैं।”

First Published - August 7, 2025 | 4:14 PM IST

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