आर्टिफिशल इंटेलीजेंस (Artificial intelligence) के गॉडफादर कहे जाने वाले वाले कम्यूटर साइंटिस्ट ने Google से अपने नौकरी छोड़ दी है। वह नयी टेक्नोलॉजी के खतरों के खिलाफ आगाह करने के लिए गूगल से अलग हुए है।
AI सिस्टम के लिए टेक्नोलॉजी की नयी नींव रखने वाले मशहूर साइंटिस्ट जेफ्री हिंटन ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि इस सेक्टर में की गई प्रगति ने “समाज और मानवता के लिए गहरा जोखिम” पैदा किया है।
सोमवार को पब्लिश आर्टिकल में उनके हवाले से कहा गया, “देखिए, पांच साल पहले यह (टेक्नोलॉजी) कैसा था और अब कैसा है। इसमें आये अन्तर को देखिये। यह डरावना है।”
हिंटन ने कहा कि तकनीकी दिग्गजों के बीच कॉम्पटीशन कंपनियों को नई AI टेक्नोलॉजी को खतरनाक गति से जारी आगे बढ़ाने, नौकरियों को जोखिम में डालने और गलत सूचना फैलाने के लिए प्रेरित कर रही है।
उन्होंने टाइम्स को बताया, “यह देखना मुश्किल है कि आप बुरी टेक्नोलॉजी को बुरी चीजों के लिए इसका इस्तेमाल करने से कैसे रोक सकते हैं।”
गलत सूचना के बारे में जताई चिंता
साइंटिस्ट ने AI द्वारा बनाई गई गलत सूचना के संभावित प्रसार के बारे में भी चेतावनी दी और द टाइम्स को बताया कि एक एवरेज व्यक्ति “अब यह जानने में सक्षम नहीं होगा कि क्या सच है।”
यूएस मीडिया के अनुसार, हिंटन ने पिछले महीने अपने इस्तीफे की सूचना गूगल को दी थी।
अरबपति ईलॉन मस्क और कई एक्सपर्ट्स ने मार्च में AI सिस्टम में हो रहे डेवेलपमेंट को को रोकने का आह्वान किया था कि ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे सुरक्षित हैं।
इसके आलावा एक ओपन लेटर पर मस्क और एप्पल के को-फाउंडर स्टीव वोज्नियाक GPT-4 की रिलीज़ से प्रेरित थे, जो कि ChatGPT द्वारा उपयोग की जाने वाली तकनीक का एक अधिक शक्तिशाली संस्करण है।
हिंटन ने उस समय उस पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किया था लेकिन द न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि वैज्ञानिकों को “इसे तब तक और अधिक नहीं बढ़ाना चाहिए जब तक कि वे समझ नहीं जाते कि क्या वे इसे नियंत्रित कर सकते हैं या नहीं।