निर्माण क्षेत्र में व्यस्त सीजन की शुरुआत होने वाली है और ब्रोकरेज देसी सीमेंट क्षेत्र की मांग में सुधार और कीमतों की रिकवरी को लेकर आशावान हैं। एमके रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है, इनपुट कीमतोंं में हाल में थोड़ा सुधार दिखा है, लेकिन आने वाले समय में उद्योग की लाभप्रदता के लिए मांग व कीमत में स्थायी सुधार अहम है। हम आगामी महीनों में मांग व कीमत मेंं सुधार को लेकर आशावान हैं क्योंकि निर्माण क्षेत्र में व्यस्त सीजन की शुरुआत होने वाली है। वित्त वर्ष 22 की दूसरी तिमाही में उच्च वैरिएबल लागत ने देसी सीमेंट की लाभप्रदता को प्रभावित किया है, जिससे प्रति टन एबिटा में सालाना आधार पर 11 फीसदी और क्रमिक आधार पर 17 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। मौजूदा वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में सीमेंट वॉल्यूम घटकर सालाना आधार पर एक अंक में आ जाने की संभावना है क्योंंकि देश के कई इलाकों में मॉनसून की बारिश देर तक होती रही। मांग के मजबूत परिदृश्य के बीच ब्रोकरेज को देसी सीमेंट उद्योग की क्षमता और मौजूदा इस्तेमाल का स्तर आगामी वर्षों में बढऩे की उम्मीद है। जेएम फाइनैंशियल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, वित्त वर्ष 22-24 में मांग परिदृश्य में 9 फीसदी सीएजीआर का इजाफा और वित्त वर्ष 22-24 के दौरान आपूर्ति में 13 फीसदी की सीमित बढ़ोतरी को देखते हुए हमारा मानना है कि आने वाले समय में इस्तेमाल का स्तर बढ़ता रहेगा। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने कहा, वित्त वर्ष 22-24 के दौरान उच्च बढ़त वाले देश के पूर्वी व मध्य इलाके वाले बाजारों में 4.2 करोड़ नई क्लिंकर क्षमता और 8 करोड़ टन स,े ज्यादा सीमेंट क्षमता में बढ़ोतरी नियोजित है। इस क्षमता का करीब 30 फीसदी वित्त वर्ष 23 के आखिर में पूरा होने की संभावना है, जिससे वित्त वर्ष 24 में उत्पादन शुरू होगा और अन्य 30 फीसदी क्षमता वित्त वर्ष 24 तक चालू होने की उम्मीद है। ब्रोकरेज का यह भी मानना है कि सीमेंंट की छोटी कंपनियां भी अहम भूमिका निभाएंगी और आगामी महीनों में उद्योग के लिए वॉल्यूम में मजबूती से योगदान करेंंगी। जेएम फाइनैंंशियल ने कहा, छोटी कंपनियां परिचालन लागत में ज्यादा कुशल होती हैं और बड़ी कंपनियों के मुकाबले कीमत वसूली का अंतर कम होने से उन्हें एबिटा प्रति टन वित्त वर्ष 2016 के 450-550 रुपये से घटाकर 300-350 रुपये प्रति टन पर लाने में मदद मिली है। साथ ही बड़ी कंपनियोंं की 14 फीसदी की क्षमता बढ़ोतरी के मुकाबले इनकी क्षमता में 27 फीसदी की बढ़ोतरी की योजना भी मध्यम अवधि में उनकी रफ्तार व बाजार हिस्सेदारी को बेहतर बनाएगी। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने कहा, लार्जकैप में अल्ट्राटेक सीमेंट उद्योग में बढ़त की अगुआई वित्त्त वर्ष 21-24 (अनुमान) में करती रहेगी, जिसे कम लागत वाले ब्राउनफील्ड एक्सपेंशन व लागत कुशलता से सहारा मिलेगा। अगले दो-तीन साल में कंपनी की योजना बढ़त वाले पूर्वी, मध्य व उत्तर भारतके बाजारों में 2 करोड़ टन क्षमता जोडऩे की है, जो कंपनी के वॉल्यूम में काफी बढ़ोतरी करेगा। देसी सीमेंट उद्योग में अंबुजा सीमेंट, एसीसी, डालमिया सीमेंट और श्री सीमेंट बड़ी कंपनियों में शामिल हैं।
