महामारी की तीसरी लहर की आशंका के बीच भी आवश्यक सामान और एफएमसीजी उत्पादों की आपूर्ति निर्बाध बनी रहने की उम्मीद है। पहली दो लहरों से मिले सबक के साथ-साथ सरकार राज्य की सीमाओं के पार निर्बाध परिवहन की अनुमति दे रही है जिससे खाद्य तेलों से लेकर किराने के सामान और स्नैक्स के लिए माल की स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित होगी। निर्बाध आपूर्ति को लेकर कंपनियों के बढ़ते भरोसे का कारण टीकाकरण की उच्च दर और ओमीक्रोन संक्रमित लोगों में हल्के लक्षण देखा जाना है। कंपनियां भी कोविड मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए खुद को बेहतर तरीके से तैयार कर रही हैं। खाद्य तेलों सहित डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ बेचने वाली कंपनी अदाणी विल्मर ने अपने गोदामों में स्टॉक भर लिया है और अगर इसके मौजूदा कामगार संक्रमित हो जाते हैं तब कंपनी अधिक ठेका श्रमिकों को तैनात करने के लिए तैयार है। अदाणी विल्मर में मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) अंशु मलिक ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, 'हमारे पास 21 दिनों के लिए स्टॉक है और हम देश भर के अपने गोदामों को भर रहे हैं। हमने कच्चे माल का भंडार तैयार कर लिया है और हमारी पैकेजिंग इन-हाउस की जाती है।' हालांकि उन्हें इस बात की आशंका है कि अगर वायरस का प्रसार तेजी से होता है तब लॉजिस्टिक्स को लेकर कुछ दिक्कत हो सकती है। उन्होंने कहा, 'हम निवारक उपाय किए हैं लेकिन ओमीक्रोन डेल्टा स्वरूप की तरह घातक नहीं दिख रहा है। हम (अदाणी विल्मर के कर्मचारियों और फैक्टरी श्रमिक) सभी को टीका लगाया जा चुका है इसी वजह से स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के गंभीर होने की संभावना कम है।' खुदरा क्षेत्र में स्पेंसर्स रिटेल और नेचर्स बास्केट के सीईओ देवेंद्र चावला ने कहा, 'महामारी की पहली दो लहरों के बाद हमारे पास अब हालात और जमीनी स्तर की चुनौतियों को संभालने का पूरा अनुभव है। अगर कोई प्रतिबंध लगाया जाता है तो हम इसके लिए अच्छी तरह से तैयार हैं।' उन्होंने कहा, 'अगर स्टोर के समय पर प्रतिबंध लगता है तब हम अपने स्टोर से बाहर के कारोबार का दायरा बढ़ाने के लिए तैयार हैं जो पहली दो लहरों के दौरान तेजी से बढ़ी। हम अपने ऐप पर ग्राहकों को बेहतर अनुभव दिया है और हम यह सुनिश्चित करते हैं कि व्हाट्सऐप चैटबॉट ऐप और फोन कॉल के माध्यम से ग्राहकों को उनके घर पर ही किराने का सामान पहुंचाया जा सके।' भारत के सबसे बड़े दुग्ध उत्पादक अमूल के प्रबंध निदेशक आर एस सोढ़ी को भी कोविड के बढ़ते संक्रमणों के कारण लॉजिस्टिक्स या कारोबार पर असर पडऩे की उम्मीद नहीं है। इसके अलावा परिवहन चालकों की शीर्ष संस्था भी चिंतित नहीं है। ऑल इंडिया ट्रांसपोट्र्स वेलफेयर एसोसिएशन (एआईटीडब्ल्यूए) के अध्यक्ष प्रदीप सिंघल कहते हैं, 'पहली लहर के दौरान हमने कुछ समस्या का सामना किया क्योंकि राज्य की सीमा सील कर दी गई थी। वहीं दूसरी लहर के दौरान सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि आपूर्ति प्रभावित न हो और हमने निर्बाध परिवहन की अनुमति दे दी।' आईटीसी परिचालन और बाजार की गतिविधियों की निगरानी का जायजा ले रही है। आईटीसी के प्रवक्ता ने एक ईमेल में कहा, 'हमारी आपूर्ति शृंखलाओं की मजबूती और तेजी के साथ-साथ त्वरित डिजिटलीकरण के साथ हमारे विनिर्माण का दायरा बढऩे से हम एफएमसीजी उत्पादों की निरंतर और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने और सभी परिस्थितियों में उपभोक्ताओं की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम हैं।' कंपनी ने एहतियात बरती है और अपने कार्यालय परिसरों और कारखानों में साफ.-सफाई से जुड़े नियमों को अपनाया है। आशीर्वाद आटा के निर्माता का कहना है, 'हमारे सभी कर्मचारियों और सेवा प्रदाताओं को पूरी तरह से टीका लगाया जा चुका है। अगर किसी के संक्रमित होने की आशंका है या इसकी पुष्टि हो चुकी है तो उन्हें वेतन के साथ छुट्टी दी जा सकती है और उन्हें क्वारंटीन रहने के साथ-साथ इलाज की भी सुविधा दी जाएगी।' पारले प्रोडक्ट्स ने अपने वितरकों और अपने गोदामों के साथ अपने स्टॉक को दोगुना कर दिया है। हालांकि, अगर कोई प्रतिबंध लगता है या फिर लॉकडाउन की स्थिति बनती है तब भी बिस्कुट कंपनी को किसी भी व्यवधान की आशा नहीं है। पारले प्रोडक्ट्स के श्रेणी प्रमुख मयंक शाह ने कहा, 'हमारे पास पर्याप्त सामग्री, कच्चा माल और पैकेजिंग उत्पाद हैं। आपूर्ति शृंखला के आपूर्ति होने की संभावना नहीं है क्योंकि लोगों का पर्याप्त रूप से टीकाकरण हो चुका है।' डाबर इंडिया स्थिति पर नजर रखे हुए है। कंपनी के कार्यकारी निदेशक (परिचालन) शाहरुख खान कहते हैं, 'हमने कोविड के अनुरूप सुरक्षित व्यवहार और साफ.-सफाई के नियमों को लागू किया है। हमारी इकाइयां ऑक्सीजन कंसंट्रेटर से लैस हैं।' नेस्ले इंडिया इसी तरह के नियमों का पालन कर रही है। नेस्ले इंडिया ने कहा, 'हम अपने कड़े सुरक्षा नियम जारी रखेंगे और हमने किसी भी तरह की छूट पर भी रोक लगा दी है जिस पर हम विचार कर रहे होंगे।'
