अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ ने कहा, मैं ये देख सकती हूं कि समूचे पोस्टमार्टम जांच की प्रक्रिया की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी पारदर्शिता लाने में लंबा सफर तय करेगी और किसी भी गड़बड़ी की संभावना को नामुमकिन बनाएगी, जिसका संदेह हो सकता है या आरोप लगाया जा सकता है। इस ताजा प्रौद्योगिकी का अनेक मामलों में सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया गया है ओर बेहद मददगार है।
अदालत ने कहा, इसलिए मैं निर्देश देती हूं कि इस आदेश की एक प्रति हत्या से जुड़े सभी मामलों में पोस्टमार्टम की प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की संभावना तलाशने और इस अदालत के सुझाव के तहत इस संबंध में आवश्यक कदम उठाने के लिए इसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सरकार के प्रधान सचिव :गृह: के समक्ष रखी जाए। यह दुनिया भर में अपनाई जा रही मानक प्रक्रिया है।
जारी :भाषा