प्रमुख वाहन कंपनी टाटा मोटर्स द्वारा फोर्ड इंडिया के साणंद स्थित यात्री कार विनिर्माण संयंत्र के अधिग्रहण को गुजरात सरकार के मंत्रिमंडल से हरी झंडी मिल गई है। इस संबंध में टाटा मोटर्स के प्रस्ताव पर राज्य मंत्रिमंडल ने अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘मंत्रिमंडल ने इस अधिग्रहण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया है। अब इस मामले को आगे बढ़ाना कंपनियों के ऊपर निर्भर करता है।’ अधिकारी के अनुसार, टाटा मोटर्स को भी उस संयंत्र के लिए वही प्रोत्साहन मिलता रहेगा जो फोर्ड इंडिया को मिल रहा था।
टाटा मोटर्स के एक सूत्र ने भी गुजरात मंत्रिमंडल से हरी झंडी मिलने की पुष्टि की है।
अब टाटा मोटर्स फोर्ड के साणंद संयंत्र में श्रमिक एवं वित्तीय समस्याएं निपटने के बाद फोर्ड मोटर कंपनी के साथ सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर कर सकती है। टाटा समूह फोर्ड इंडिया के संयंत्रों के अधिग्रहण के लिए गुजरात और तमिलनाडु सरकारों के साथ लगातार बातचीत कर रहा था। फोर्ड ने पिछले साल भारत से अपना कारोबार समेटने की घोषणा की थी।
फोर्ड के साणंद संयंत्र में करीब 2,500 स्थायी कर्मचारी कार्यरत थे जिनमें करीब 900 यूनियन कर्मचारी शामिल हैं। यात्री कारों का उत्पादन बंद होने के बाद साणंद संयंत्र के कर्मचारियों को फोर्ड कारों के लिए कलपुर्जे एवं इंजन विनिर्माण में लगाया गया था।
हालांकि कंपनी ने कलपुर्जों के उत्पादन के लिए इस संयंत्र को बंद करने के लिए आंतरिक समय सीमा मार्च 2022 निर्धारित की थी। पिछले साल फोर्ड अपने दोनों संयंत्र में अनुबंध आधारित विनिर्माण के लिए कई कंपनियों के साथ बातचीत कर रही थी जिनमें ओला और महिंद्रा ऐंड महिंद्रा शामिल थीं। लेकिन बातचीत विफल होने के बाद संयंत्रों को बंद करना पड़ा था।