भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनियों का कार बाजार पर दबदबा बढ़ता जा रहा है। विश्व की प्रमुख वाहन कंपनियों के लिए सॉफ्टवेयर सिस्टम के डेवलपर के रूप में इन कंपनियों की मांग बढ़ गई है।
वर्ष 2000 में एक कार के कुल खर्च में ऐसे सॉफ्टवेयर का योगदान तकरीबन 2 फीसदी था। लेकिन अनुमान लगाया गया है कि 2010 तक यह बढ़ कर 30 फीसदी हो जाएगा। अगले दो सालों में ऐसे सॉफ्टवेयर का बाजार बढ़ कर अनुमानित रूप से 35 अरब यूरो का हो जाने की संभावना है।
सॉफ्टवेयर कंपनी केपीआईटी क्यूमिंस के उपाध्यक्ष अनूप सैबल ने कहा, ‘निकट भविष्य में कार निर्माता वाहन में सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन को प्रमुखता से शामिल करेंगी। वाहन उद्योग में मंदी के बावजूद सॉफ्टवेयर का बाजार तेजी से विकसित होगा।’ केपीआईएमटी अपने राजस्व का तकरीबन 25 फीसदी राजस्व वाहन क्षेत्र से हासिल करती है और पिछले दो सालों में इसने 50 फीसदी की सालाना बढ़ोतरी हासिल की है।
कई कंपनियों ने वाहनों के लिए अपने नए सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन मुहैया कराने के लिए विभिन्न वाहन कंपनियों से समझौते किए हैं। माइक्रोसॉफ्ट और दक्षिण कोरियाई कार निर्माता कंपनी हुंडई ने कारों के लिए संगीत और सूचना प्रणाली तैयार करने के लिए एक समझौता किया है। इस प्रणाली को 2010 में बेचा जाएगा। एपल ने फोर्ड, जनरल मोटर्स और माजदा के साथ सॉफ्टवेयर के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह कई मॉडलों में आईपोड कनेक्शन को और अधिक आसान बनाने में सक्षम होगा जिसे जल्द ही पेश कर दिया जाएगा।
सुरक्षा की दृष्टि और आसान ड्राइविंग को ध्यान में रख कर कारों में सॉफ्टवेयर की अधिक जरूरत महसूस की जा रही है। उदाहरण के लिए, बीएमडब्ल्यू के सभी मॉडल इस खूबी से लैस हैं जिसके कारण बीएमडब्ल्यू वाहन को पार्किंग आदि में सहूलियत होती है। इसमें लगे कैमरे से ड्राइवर को ड्राइविंग में काफी आसानी होती है। केपीआईएमटी द्वारा तैयार सॉफ्टवेयर तेल प्रवाह से लेकर स्टीयरिंग व्हील सिस्टम आदि के नियंत्रण में मददगार है। इस सॉफ्टवेयर से वाहन के संचालन में आसानी होती है। इसी तरह बेंगलुरु की रॉबर्ट बॉश की ओर से तैयार सॉफ्टवेयर कार की खिड़कियां बंद होते समय बच्चों की उंगलियां इसकी चपेट में आने से बचाता है।
रॉबर्ट बॉश इंजीनियरिंग ऐंड बिजनेस सॉल्युशंस अपने राजस्व का तकरीबन 90 फीसदी हिस्सा वाहन क्षेत्र से प्राप्त करती है। इसी तरह टाटा एल्क्सी अपने राजस्व का 20 फीसदी हिस्सा वाहन क्षेत्र के डिजाइन सॉफ्टवेयर से हासिल करती है। यह सॉफ्टवेयर ड्राइवर को ट्रैफिक लेन बदले जाने पर या ड्राइवर को नींद आ जाने पर अलर्ट कर देता है। टाटा एल्क्सी पिछले कुछ सालों से सालाना 50 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज कर रही है और भविष्य में उसे यह चलन जारी रहने की उम्मीद है।